राकेश कुमार, सम्पादक-सतेन्द्र सिंह राजावत,
उरई,जालौन । आम समुदाय को भूजल का महत्व समझाने एवं जल संरक्षण संवर्धन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ग्राम रगौली में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। परमार्थ समाजसेवी संस्थान के निदेशक अनिल सिंह ने भूजल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पानी के महत्व को समझाते हुए भूजल संरक्षण तथा खेती में पानी के विवेकपूर्ण उपयोग पर ग्रामीणों को प्रेरित किया। जलागम विकास समिति के अध्यक्ष रमेश सिंह ने ग्राम रगौली में नाबार्ड के सहयोग से संचालित जलागम विकास परियोजना की प्रगति का व्यौरा दिया।
नाबार्ड के डीडीएम परितोष कुमार ने वाटरशेड कार्यक्रम का मूलमंत्र “चोटी से घाटी का सिद्धांत” का महत्व बताते हुए भूजल संरक्षण पर जोर दिया। वर्षा जल संरक्षण तथा पानी की मितव्ययता पर रोक को समाधान के रूप में प्रस्तुत किया। कुल पृथ्वी पर जल की उपलब्धता के सापेक्ष पीने योग्य पानी सिर्फ केवल तीन प्रतिशत है, जिसमें से 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है। लिहाजा हमें इस पानी को बचाना है।
महिला कार्यकर्त्ता रागिनी दीक्षित ने महिलाओं के साथ जल संरक्षण पर गीत तथा नारे प्रस्तुत कर “जल संरक्षण” का सन्देश दिया गया। पूर्व ग्राम प्रधान जगपाल सिंह ने भूजल संरक्षण पर शपथ दिलाते हुए उपस्थित अतिथियों का अभिवादन कर कार्यक्रम का समापन किया गया। इस दौरान छोटेलाल, अनीता देवी, डिप्टी रेंजर मनीष सिंह, जलागम विकास समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य, महिला संगठन की महिलाओं सहित लगभग एक सैकड़ा से अधिक जन समुदाय ने सहभागिता की।