केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही तीर्थयात्रियों का इन पवित्र स्थलों पर तांता लगना शुरू हो गया है। पहले दिन का हाल तीर्थयात्रियों को बेहाल कर गया। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण के लिए मारामारी हो रही है। केदारनाथ में स्थानीय पुरोहितों के विरोध के चलते दुकानें बंद रहीं, घोडे़-खच्चर भी नहीं मिले। चारधाम यात्रा के पंजीकरण के लिए मारामारी मची हुई है। कल शाम तक चारधाम यात्रा के लिए 23 लाख 57 हजार 393 पंजीकरण हुए थे। केदारनाथ के लिए सर्वाधिक आठ लाख सात हजार 90, बदरीनाथ धाम के लिए सात लाख 10 हजार 192, यमुनोत्री के लिए तीन लाख 68 हजार 302 और गंगोत्री के लिए चार लाख 21 हजार 205 पंजीकरण शामिल हैं। वहीं, हेमकुंड साहिब के लिए भी इस बार अभी तक 50 हजार 604 पंजीकरण हो चुके हैं।
केदारनाथ में बंद रहीं दुकानें, नहीं मिले घोड़े-खच्चर -
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहितों ने केदारपुरी के व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रसाद की दुकानें, खाने के होटल-ढाबे बंद रखे। तीर्थ पुरोहितों ने अपना पंडिताई का काम भी नहीं किया। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आरोप है कि सभी तीर्थ पुरोहित जब अपने गांवों में थे, तब कुछ अधिकारियों ने धाम पहुंचकर मजदूरों से मंदिर के आगे मुख्य मार्ग पर भारी तोड़फोड़ करवा दी। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर भी इस दौरान हड़ताल पर रहे। हमारा उत्पीड़न हो रहा, घोड़े मालिकों के आरोप -
केदार पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चरों के न चलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घोड़े-खच्चर संचालकों और मालिकों का आरोप है कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। पैदल मार्ग पर कहीं भी उन्हें रहने की जगह नहीं दी जा रही है। जहां भी ठिकाना बनाते हैं, वहां से भगाया जा रहा है। चारधाम पंडा समाज के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को मुख्यमंत्री से मिलाने के आश्वासन के बाद भी व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों को प्रशासन ने उनसे नहीं मिलने दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि उनका बहिष्कार तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता। यमुनोत्री में बारिश, यात्रा रोकनी पड़ी -
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर धाम में 29,030 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर में मौसम बदलने पर बारिश होने के चलते सुरक्षा के लिहाज से श्रद्धालुओं को जानकीचट्टी से आगे जाने से रोकना पड़ा। पहले ही दिन यमुनोत्री पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 12 हजार 193 और गंगोत्री पहुंचने वालों की संख्या 5 हजार 203 रही। ये आंकड़े उत्तराखंड सरकार के अधीन काम करने वाली चारधाम यात्रा मैनेजमेंट एंड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने जारी किए हैं। तुंगनाथ के कपाट खुले -
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के अवसर पर 600 से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। कल सुबह भगवान तुंगनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली ने सुबह 8.30 बजे चोपता से तुंगनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ डोली हुड्डू और अखोड़ी गांव के जमाणियों के कंधों पर तुंगनाथ धाम पहुंची। जहां मंदिर की तीन परिक्रमा करने के पश्चात डोली को पार्वती मंदिर में विराजमान किया गया। इस दौरान दूरदराज से पहुंचे भक्तों ने आशीर्वाद लिया। भक्तों के सहयोग से तुंगनाथ सहित अन्य सहायक मंदिरों को 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया था।