उरई। जालौन। एसपी डॉ ईरज राजा ने जिले की कमान संभाली और चार्ज लेते ही उन्होंने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया। अपने स्वभाव में मुताबिक उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत डकोर क्षेत्र में हुए एनकाउंटर के साथ की और फिर इसके बाद जिले में क्राइम का ग्राफ लगातार नीचे गिरता चला गया और जनता के सामने एक दमदार पुलिस अफसर की इमेज उभर कर सामने आई।जालौन: यूपी सरकार ने हाल में ही (10) पुलिस अधीक्षकों के तबादले कर दिए हैं, इसमें से जालौन के एसपी का तबादला गाजीपुर जिले में कर दिया गया है। जालौन के एसपी डॉ ईरज राजा का जिले में करीब डेढ़ साल से ज़्यादा का कार्यकाल जिले में रहा है। 14 जनवरी 2023 को एसपी डॉ ईरज राजा ने जिले की कमान संभाली और चार्ज लेते ही उन्होंने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया। अपने स्वभाव में मुताबिक उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत डकोर क्षेत्र में हुए एनकाउंटर के साथ की और फिर इसके बाद जिले में क्राइम का ग्राफ लगातार नीचे गिरता चला गया और जनता के सामने एक दमदार पुलिस अफसर की इमेज उभर कर सामने आई।दरअसल, डॉ ईरज राजा 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। डॉ ईरज राजा को गाजियाबाद ग्रामीण के बाद बुंदेलखंड के जालौन जिले में भेजा गया था। गाजियाबाद और मेरठ में अपने 2 साल के कार्यकाल में उन्होंने 150 एनकाउंटर किए थे। ठीक, वैसे ही जालौन जिले में उन्होंने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में 65 एनकाउंटर्स किए इसमें 2 फुल एनकाउंटर भी शामिल हैं।65 एनकाउंटर करने के बाद अब जालौन के एसपी का तबादला गाजीपुर कर दिया है। उन्होंने अपने इस कार्यकाल में उन्होंने जिले के क्राइम रेट को कंट्रोल में रखा। सरकार ने अब उन्हें पूर्वांचल के गाजीपुर जिले की जिम्मेदारी सौंपी है जिससे अपराधियों में खाकी का खौफ बरकरार रहे।
तेज तर्रार IPS ने खोला जिले में एनकाउंटर का खाता
जालौन जिले की कमान मिलते ही एसपी ने अपराधियों पर शिकंजा करना शुरू कर दिया था। ज्वाइनिंग के ठीक बाद ही डकोर थाना क्षेत्र में बदमाशों के साथ पहली मुठभेड़ हुई और इसके बाद मानो कि एनकाउंटर्स की झड़ी लग गई। धीरे-धीरे करके यह आंकड़ा बढ़ा और हाफ सेंचुरी में तब्दील हो गया। सोशल मीडिया के साथ-साथ आमजन में भी पुलिस के लिए मान-सम्मान बढ़ गया। एसपी ने न्याय प्रक्रिया में बदलाव किया और 15 दिनों में पीड़ित को इंसाफ दिलाने का काम किया।
सिपाही के ब्लाइंड मर्डर ने किया सबसे ज्यादा परेशान
10 मई 2023 को ड्यूटी के दौरान सिपाही भेदजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। सिपाही की हत्या से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया था। सोशल मीडिया पर लोगों ने खाकी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। सिपाही की हत्या के बाद SP ईरज राजा ने टीमों का गठन किया और आरोपियों की तलाश शुरु कर दी। घटना के करीब 4 दिन बाद पुलिस को अपराधियों का लोकेशन मिली और सूचना के आधार पर पुलिस ने फैक्ट्री एरिया में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। पुलिस की इस जवाबी फायरिंग में हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को ढ़ेर कर दिया गया।
बेटी की सिर से उठा साया तो पिता बनकर की विदाई
इस सिपाही हत्याकांड में रमेश राक्यवार और कल्लू अहिरवार एनकाउंटर हुआ था। तब दोनों परिवारों के सदस्य पुलिस से मिले और पत्नी ने कहा कि पति के गुनाह की सजा उन्हें मिल गई, लेकिन परिवार का क्या और बेटियों की शादी कैसे होगी। इस पर पुलिस ने बेटियों की शादी का जमा उठाया और मार्च के महीने में बेटी शिवांगी की शादी की सूचना पर पुलिस के महकमें ने शादी में बाराती बनकर आए मेहमानों का स्वागत किया और पिता बनकर बेटी की विदाई की। यह शादी काफी चर्चा का विषय बन गई थी।