राकेश कुमार, संपादक-सतेंद्र सिंह राजावत, उरई(जालौन) l आज 24 मई 2024 दिल्ली एम्स अस्पताल के c6 वार्ड में कैंसर के चलते सहायता न मिलने के कारण आयुष्मान कार्ड पर कोई धनराशि न दिए जाने के चलते स्वर्गीय श्रीमती गीता कुशवाहा पत्नीमानसिंह कुशवाहा की निधन से गमगीन माहौल में आज त्रियोदशी और आज ही के दिन बुद्ध पूर्णिमा जिस दिन भारत में तथागत गौतम बुद्ध एक ऐसे मनीषी पूर्णिमा के दिन ही स्वर्गीय श्रीमती गीता कुशवाहा की त्रयोदशी को मानते हुए शोक श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शोक सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस एक्ट राष्ट्रीय पार्षद जिला अध्यक्ष कामरेड राम सिंह चौधरी ने कहा कि अफसोस और तकलीफ के समय में जिस दिन आज बुद्ध पूर्णिमा है इसी दिन आज श्रीमती स्वर्गीय गीता कुशवाहा कि यह गम और गमगीन कर देने वाली दर्द और तकलीफ में डूबी हुई याद जिसको कभी बुलाया नहीं जा सकता हम मातम मनाने के लिए इसलिए मजबूर है कि पूरे देश में आयुष्मान कार्ड स्मार्ट कार्ड के जरिए अच्छे दिनों का वादा करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार से गुहार लगाने के बाद प्रशासन शासन सरकार सभी से सहायता मांगने और आयुष्मान कार्ड लगाने के बाद भी यहां की अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड लेने से इनकार कर दिया और गीता जी को हुई भयानक बीमारी कैंसर के चलते मौत नसीब हुई इन मौत के सौदागरों ने फिर से आयुष्मान कार्ड की धज्जियां उड़ा दी और नरेंद्र मोदी के मुंह पर एक तमाचा मार दिया गया कैसा आयुष्मान कार्ड जब उसके बच्चे तड़प तड़प कर उसका पति तड़प तड़प कर अस्पतालों में दौड़ते हुए पैसा ना होने की वजह से आयुष्मान कार्ड की दुहाई देता रहा और कर्जा लेकर लाखों लाख दसियों लाख रुपए एम्स से लेकर तमाम अस्पतालों में खर्च करता रहा लेकिन डायन मौत ने बच्चों की मां और एक पति की पत्नी को इस सरकार की फर्जी और जुमलेबाजी के चलतेआयुष्मान कार्ड जैसी योजना का कोरा चिट्ठा की पालखुल गया दसियों लाख का कर्जा लेकर इलाज कराया गया एक भी सरकारी पैसा की मदद नहीं दी गई वह समाज सेविका थी वह ज्योतिबा फुले सावित्रीबाई फुले के पद चिन्हों पर चलकर इस देश में गरीब गुरबो की असाह और गरीब मजलूमों के बच्चों को शिक्षा देने वाली शिक्षिका गीता देवी कुशवाहा अटूट मेहनत करके उन बच्चों को पढाने का काम करती थी उसी से जो भी थोड़ा-थोड़ा धन अर्जन कर किसी तरीके से अपने परिवार का गुजर बसर करती थी ऐसी हकीकत सामने है फिर भी किसी वजीर ए आला वजीर ए आलम केंद्र और प्रदेश के शासन में उनकी कोई मदद नहीं की झूठ बोलने वाले यह नेताओं का चरित्र आज सबके सामने उजागर है आज फिर से आफ़तों का पहाड़ परिवार पर वज्र और आफत बनकर टूट पड़ा है सियासी ताकते अपने खेल में मकसूल है आओ हम सब मिलकर आज इस त्रयोदशी पर शोक सभा में सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए संकल्प लेते हैं कि उनके दो मासूम बच्चों के लिए सरकार से गुहार लगाकर गुजारिश करेंगे कि उनका 10 लाख का कर्ज और उनकी मौत पर मातम ही नहीं बनाएंगे बल्कि जो भी खर्च हुआ उसकी सरकार से सरकार की चौखट पर आवाज ही नहीं उनके परिवार के अधिकार के लिए जी जान लगाते हुए गुहार लगाएंगे कि उनका कम से कम उनके परिवार जनों के लिए मासूम बच्चों के लिए 20 लाख का मुआवजा शीघ्र से शीघ्र दिलाया जाए अन्यथा की स्थिति में हम सब मिलकर इस देश की न्यायपालिका कार्यपालिका विधायिका के सामने प्रेस के सामने इस जुमलेबाज सरकार को खुली चेतावनी देने के लिए इस फर्जी आयुष्मान कार्ड की पोल खोलने के लिए जगह-जगह प्रदर्शन आंदोलन करेंगे आओ हम सब मिलकर ऐसी भयंकर बीमारियों के लिए सरकार की जिम्मेदारी और सरकार की लापरवाही के केंद्र करते हुए शीघ्र से शीघ्र मानसिंह कुशवाहा के परिवार जनों को 20 लाख का मुआवजा की मांग के साथ सरकार का ध्यान आकर्षण कर आएंगे और जरूरत पडंने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगेयही सच्ची श्रद्धांजलि होगी आगभाकपा माले जिला सचिव कॉमरेड राजीव कुशवाहा ने कहा की देश की सरकारें यह जो अच्छे दोनों का वादा करती हैं डिजिटल इंडिया की बात करती हैं चमकदार भारत की बात करती हैं हकीकत दूसरी है लाखों कार्ड बनाने के बाद लाखों लाख लोगों को मदद नहीं मिलती उसी क्रम में गीता कुशवाहा की अकस्मात भयंकर बीमारी से मौत इन सरकारों के मुंह पर तमाचा है 20 लाख का मुआवजा शीघ्र दिया जाए और परिवार को कर्ज के बोझ से मुक्ति ही नहीं दिलाई जाए उनकी मांग मानते हुए परिवार को शीघ्र सहायता प्राप्त करवाई जाए लोकसभा में प्रमुख रूप से कामरेड राजीव कुशवाहा कामरेड राम सिंह चौधरी मास्टर मानसिंह कुशवाहा सुब्रत कुशवाहा हरिश्चंद्र कुशवाहा पन्नालाल कुशवाहा रोहित कुशवाहा विक्रम कुशवाहा चंद्र प्रकाश कुशवाहा पीयूष कुशवाहा देवांशु कुशवाहा अनिल कुशवाहा रीता कुशवाहा मीना कुशवाहा अंजू मोहित शिवानी कन्हैया कुशवाहा कुशवाहा बलदाऊ रीता कुशवाहा अनीता शिवानी रीता ज्योति शिवानी पूजा गीता कुशवाहा प्रतीक्षा इत्यादि सैकड़ो महिला पुरुष और बहिने उपस्थित रहे।