!! सदियों पुराने बाजार अतिक्रमण की चपेट में ,पेयजल संकट गहराया.........!!

Apr 25, 2024 - 19:52
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!! सदियों पुराने बाजार अतिक्रमण की चपेट में ,पेयजल संकट गहराया.........!!
'संवाददाता-राकेश कुमार', रामपुरा। जालौन l विकास खंड रामपुरा के जगम्मनपुर बाजार में अतिक्रमण के कारण पूरे दिन यातायात वाधित रहता है वही पानी की टंकी के लिए कुंआ में पड़ी समरसेबल चोरी हो जाने व हैंडपंप खराब होने से लोग दर-ब-दर भटक खरीदकर पानी पीने को मजबूर है। माधौगढ़ तहसील अंतर्गत विकासखंड रामपुरा की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत जगम्मनपुर का बाजार लगभग डेढ़ किलोमीटर की लंबाई में फैला है जिसमें अनुमानित 450 छोटी बडी दुकाने है जहां दुकानदार व दुकान का स्टाफ पूरे दिन अपनी दुकानों पर मौजूद रहता हैं । पंचनद क्षेत्र के 15 किलोमीटर तटवर्ती इलाके के जिला इटावा ,जिला औरैया एवं जिला जालौन के लगभग 55 गांव के ग्रामीण अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु जगम्मनपुर बाजार में ही खरीद फरोख्त करते हैं । साढे चार सौ वर्ष पुराना यह बाजार अपने बीते सुनहरे दिनों की याद दिल में संजोए वर्तमान में अपने बुरे दिनों से आहत एवं पुनः भविष्य में अच्छे दिन आने की प्रतीक्षा कर रहा है । वर्ष 1952 जब जगम्मनपुर रियासत का शासन था उस समय बाजार रौनक से भरपूर था । ग्रामीण बाजार होने के बावजूद ग्रीष्म ऋतु में लगभग रात्रि 10 बजे तक और शीत ऋतु में रात 9 बजे तक बाजार में गहमागहमी रहती थी। वर्ष 1971 तक जब तक राजा वीरेंद्रशाह जूदेव (विधायक) जीवित रहे तब तक बाजार पर कभी काला साया नहीं मडराया है । उनके निधन के उपरांत बाजार में दुकानदारों ने अतिक्रमण करने की प्रतिस्पर्धा करते हुए बाजार के औसतन 30 फुट चौड़े मार्ग को संकरा करते हुए 15 से 20 फुट तक का रास्ता बना दिया परिणामस्वरूप इस मार्ग से गुजरने बाले आगरा, इटावा-भिंड, औरैया ,कानपुर, दिल्ली आदि के लिए गुजरने वाले वाहनों के कारण बाजार में पूरे दिन जाम लगा रहता है व वाहनों के हॉर्न की कर्ण भेदी ध्वनि लोगों को दिल दिमाग व मानसिक बीमार बना रही हैं। *गहराया पेयजल संकट* वर्तमान समय में बाजार के दुकानदारों एवं ग्राहकों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है । वैसे तो जगम्मनपुर बाजार में पेयजल की समस्या कभी-कभी नहीं रही लेकिन गत कुछ महीनो से यह समस्या पैदा हुई है । पूरे बाजार में मात्र एक हैंडपंप बीमार हालत में थोड़ा-थोड़ा पानी देकर लोगों के जीवन का आधार बना है जबकि बाजार के तीन अन्य हैंडपंप बहुत समय से मृत पड़े हैं जिसमें बाजार के मुख्य तिराहे का हैंडपंप जो पूरे बाजार की व आने जाने वाले लोगों की प्यास बुझाने के काम आता था वह तो अब बीते दिनों की स्मृति मात्र रह गया है वही लगभग 5 वर्ष पूर्व बाजार के मध्य बने कुआं का ग्राम पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च करके जीर्णोद्धार करवाकर इसकी साफ सफाई कराई गई थी । गंदगी तथा कचरा पुनः कुआं में न जाए इसके लिए मजबूत लोहे का जाल लगवाकर कुआं के ऊपर छतरी भी बनवाई गई थी कुआं की जगत पर पानी की टंकी का निर्माण करवाकर कुआं में समरसेबल डालकर पानी उठाकर टंकी भरने का काम किया गया जो लगभग 3 महीने तक एक ग्रीष्मकल में लोगों के लिए जीवनदायनी बनी लेकिन तीन माह बाद वर्षा ऋतु आते ही कोई चोर पाइपलाइन सहित समरसेबल को निकाल कर ले गया परिणाम स्वरूप पानी की टंकी सफेद हाथी बनकर रह गई उसका उपयोग बाजार के सफाई कर्मी झाड़ू एवं कचरा भरने के उपकरण संग्रह करने के स्थान के रूप में उपयोग करने लगे । लाखों रुपए खर्च कर जीर्णोद्धार कराए गए कुएं का उपयोग होना बंद होते ही उसे पर पुनः अतिक्रमण हो गया । बाजार में पीने के पानी की किल्लत होने से दुकानदार मजबूरी में ₹500 सिक्योरिटी जमा कर आठ किमी दूर रामपुरा से आने वाले ₹20 प्रति कैंपर को खरीदने के लिए मजबूर हैं। दुकानदार तो पानी का कैंपर खरीद कर पेयजल समस्या का अस्थाई समाधान निकाल लेते हैं वह लेकिन बाजार में आने वाले बाहरी लोगों को पानी के लिए भटकते देख पानी उपलब्ध न होने की परेशानी क्षुब्द लोगो को जगम्मनपुर की पेयजल व्यवस्था पर तंज कसते सुनकर किसी भी जिम्मेदार का सिर लज्जा से झुक जाता है । अभी तो ग्रीष्म ऋतु का शुभारंभ है आने वाले दिनों में जब गर्मी चरम पर होगी तब हालात बहुत गंभीर होने की संभावना है अतः समय रहते इस समस्या के निदान की आवश्यकता है। उक्त संदर्भ में ग्राम प्रधान प्रज्ञादीप गौतम से पूछने पर उन्होंने बताया कि खराब हैंडपंप ठीक कराए जाने के लिए मिस्त्री से संपर्क किया गया है शीघ्र ही बंद पड़े हैंडपंपों को दुरुस्त करवा कर चालू कराया जाएगा एवं टंकी की साफ सफाई करवा कुआं में समरसेबल डलवाकर पेयजल की सामुचित व्यवस्था की जाएगी।

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