'राकेश कुमार', भोपाल !
मध्य प्रदेश का धार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है । 2019 के आम चुनावों में यहां बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के प्रत्याशी छतरसिंह दरबार ने पिछले चुनाव में 1,56,029 मतों के अंतर से जीत दर्ज किया. उन्हें 7,22,147 वोट मिले. छतरसिंह दरबार ने कांग्रेस के उम्मीदवार दिनेश गिरवाल को हराया था। जिन्हें 5,66,118 वोट मिले। धार की जनसांख्यिकी विविधताओं से भरी है और चुनावी नजरिए से यह मध्य प्रदेश के लोक सभा क्षेत्रों में रोचक और अहम है।
*सावित्री ठाकुर और राधेश्याम मुवेल के बीच मुकाबला*
इस निर्वाचन क्षेत्र में विगत 2019 के लोक सभा चुनाव में 70.12% मतदान हुआ था। इस बार यानी कि 2024 में मतदाताओं में खासा उत्साह है. इस वर्ष यानी कि 2024 में धार लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से सावित्री ठाकुर और कांग्रेस से राधेश्याम मुवेल प्रमुख उम्मीदवार हैं।
*धार लोकसभा सीट का इतिहास*
साल 1962 से अब तक कुल 15 चुनाव देख चुके धार लोकसभा सीट में 7 बार कांग्रेस का कब्जा रहा, जबकि 4 बार बीजेपी, 3 बार भारतीय जनसंघ और 1 बार भारतीय लोक दल चुनाव जीतीं है। साल 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा यहां से जीत का स्वाद चखा।
धार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। ये सीट इस मामले में भी दिलचस्प है कि एक समय में ये जनसंघ का गढ़ थी, लेकिन जब जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ तो 1977 में यहां भारतीय लोक दल की जीत हुई थी हालांकि साल 1980, 1984, 1989 और 1991 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने परचम लहराया। वहीं 1996 में भाजपा ने यहां पहली बार जीत का स्वाद चखा और छतर सिंह दरबार यहां से सांसद बने।
*कब किस पार्टी का रहा कब्जा*
2 साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में फिर कांग्रेस मजबूती से उभरी और कांग्रेस प्रत्याशी गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने यहां जीत दर्ज की। इसके बाद साल 1999 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने धार सीट से जीत दर्ज की। साल 2004 में जहां भाजपा को देश में हार का सामना करना पड़ा था, वहीं धार में छतर सिंह ने भाजपा का परचम लहरा दिया था, लेकिन गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने एक बार फिर से 2009 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत दिलाई लेकिन साल 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा की सावित्री ठाकुर ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।