मामूली किसान मनोज गुप्ता के पुत्र शिवांक गुप्ता ने सौर ऊर्जा
माडल बनाकर नगर सहित जिले का नाम रोशन किया
जिला ब्यूरो
अमित गुप्ता
कदौरा जालौन
कंदौला/जालौन प्रतिभाएं किसी सहारे की मोहताज नहीं होती बस सही रास्ते पर चलते हुए कामयाबी आपके कदम चूमने लगेगी ऐसा ही एक कारनामा नगर के एक किसान के बेटे ने कर दिखाया है उसने सौर ऊर्जा का एक ऐसा प्रोजक्ट तैयार किया है जिससे प्लांट लगाने में न सिर्फ जगह कम लगेगी बल्कि खर्चा भी कम आएगा इसलिए भारत सरकार ने उसके प्रोजक्ट को पेटेंट दिया है अब उक्त प्रोजक्ट से पूरा देश रोशन किया जाएगा ।
नगर के मौहल्ला बाजार निवासी किसान मनोज गुप्ता के पुत्र शिवांक गुप्ता ने शुरुवाती पढ़ाई नगर के आधुनिक बाल विधा मंदिर से की थी इसके बाद कानपुर के जुगल देवी स्कूल से हाई स्कूल तक पढ़ाई की इंजीनियर की तैयारी के लिए शिवांक ने कोटा राजस्थान में तैयारी की है 2014 में वो पेट्रोलियम आफ देहरादून में पहुंच गया और वहां शोध करने लगा तभी उसने विद्यालय की ओर से एक सौर ऊर्जा का प्रोजक्ट बनाया जो की न सिर्फ कम जगह पर स्थापित किया जा सकता बल्कि उसकी लागत भी बहुत कम आती है उक्त प्रोजक्ट को 2017 में भारत सरकार को पेटेंट के लिए भेजा गया जहा पर 4 मार्च 2024 को भारत सरकार ने उक्त प्रोजक्ट को पेटेंट के लिए स्वीकृत करते हुए उक्त छात्र का मनोबल बढ़ाया जैसे ही सरकार द्वारा पेटेंट मिलने की जानकारी शिवांक व उनके परिजनों को हुई तो खुशी का ठिकाना न रहा शिवांक की मां साधना गुप्ता व पिता मनोज गुप्ता ने अपने बेटे की इस सफलता पर मुंह मीठा कराते हुए बधाई दी है हिंदुस्तान से बात करते हुए शिवांक ने बताया की अभी जो प्रोजक्ट तैयार किया है उसकी लागत लगभग दो लाख 80 हजार रुपए आई है जिसमे की आधा पैसा विद्यालय ने दिया है आधा खुद लगाया है अब पेटेंट मिलने से भारत सरकार उनके प्रोजक्ट पर काम कराएगी । उसने कहा की किसी भी कार्य करने के लिए जुनून की आवश्कता होती सारा ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित करके करने वाले काम में सफलता जरूर मिलती है ।
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कदौरा । मामूली किसान मनोज गुप्ता के पुत्र शिवांक गुप्ता ने सौर ऊर्जा माडल बना कर नगर सहित जिले का नाम रोशन किया है बल्कि 2017 में सोलर पैनल क्लीनिंग नामक एक रोबोट का भी निर्माण किया था जो की सोलर प्लेटो को बिना पानी के साफ करने का काम करेगा ।
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कदौरा । नगर के बाजार निवासी शिवांक गुप्ता ने माडल पर जानकारी देते हुए बताया की पहले चरण में 25 मेगावाट की क्षमता का प्लांट बनाया जाएगा और जो बाजार में सौर ऊर्जा का प्लांट लगता है उससे एक तिहाई जगह उसके प्रोजक्ट में कम लगेगी और लागत भी आधी खर्च होगी । जब की बिजली का उत्पादन दुगना होगा ।