उरई(जालौन)।उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्री अचल सचदेव ने आज जिला कारागार उरई का मासिक भ्रमण किया। उन्हाेंने विभिन्न बैरकों का भ्रमण किया और वहां निरूद्ध बन्दियों से पूछ-तांछ करते हुये उनकी समस्यायों को जाना समझा तथा जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजीव सरन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अभिषेक खरे एवं जेल प्रशासन के अधिकारीगण मौजूद थे।
निरीक्षण में माननीय जिला जज महोदय ने बन्दियों के मुकदमों की पैरवी, उनको दी जाने वाली विधिक सहायता/सलाह और महिला बन्दी व उनके साथ रह रहे बच्चों की चिकित्सा व खान-पान इत्यादि के बारे में जाना-परखा। उन्होंने कई बन्दियों से अलग-अलग जानकारी ली एवं जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि कोई भी ऐसा बन्दी जिसका निजी अधिवक्ता न हो अथवा विधिवत् ढंग से न्यायालयों में पैरवी न हो पा रही हो, को विधिक सहायता दिलाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। यदि किसी विचाराधीन बन्दी को पैरवी हेतु सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो सम्बन्धित न्यायालय में बन्दी की ओर से प्रार्थनापत्र दिलवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम की सुविधा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार जो बन्दी दोष सिद्ध हो चुकेे हैं, की अपील न हो पाने की स्थिति में नियमानुसार जेल अपील करायी जाये। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आवश्यक समन्वय बनाकर ऐसे प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण किया जाये ताकि अपील की मियाद समाप्त न होने पाये। जेल अपील कराये जाने में यदि कोई विधिक समस्या आ रही है तो उसको सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संज्ञान में लाते हुये द्वारा उचित माध्यम उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से यथा आवश्यक पत्राचार किया जाये।
इस अवसर पर प्रभारी जेल अधीक्षक श्री प्रदीप कुमार, कारागार चिकित्साधिकारी डॉ0 राहुल बर्मन, उपकारापाल श्री अरविन्द सिन्हा एवं श्री अमर सिंह, लिपिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन श्री शुभम् शुक्ला उपस्थित रहे।