जाने दीपावली मनाने का शुभ समय व सिद्ध उपाय जो चमकाएंगे आपकी किस्मत
उरई( जालौन)। महाकाली सिद्ध पीठ मंदिर के महंत द्वारा बताया गया कि इस बार दीपावली पे कई मत है जिसके अनुसार कही 31 तो कहीं 1 तारीख को दीपावली मनाई जाएगी । लेकिन दीपावली 31 की ही मानी जाए । क्योंकि कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दिन में 3:12 पर लगेगी जो 1 नवंबर को शाम 5:13 तक रहेगी. 1 नवंबर को सूर्यास्त शाम 5:32 पर होगा कार्तिक अमावस्या सूर्यास्त से पहले 5:13 पर ही खत्म हो रही है और प्रतिपदा तिथि लग जा रही है. 1 नवंबर को प्रदोष काल व निशित काल दोनों में कार्तिक अमावस्या ना मिलने से 31 अक्टूबर को ही दीपावली शास्त्र सम्मत है और निर्णय सिंधु भी यही कहता है.31 अक्टूबर को दीपावली के दिन बृहस्पतिवार का संयोग माता लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए अति उत्तम है. क्योंकि ऐसा कम होता है कि गुरुवार को दीपावली पड़ रही हो. क्योंकि गुरुवार अपने आप में माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है. यदि प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की आराधना की जाए तो निश्चित तौर पर धन-धान्य सौभाग्य सभी की प्राप्ति होती है. इस बार लग्न की प्रधानता को देखते हुए दीपावली का स्थिर लग्न 6:27 से रात्रि 8:23 तक होगा. यह सबसे उत्तम मुहूर्त है और इसी में पूजा करना विशेष फलदाई है. इसके बाद स्थिर लग्न मध्य रात्रि 12:53 से भर में 3:09 तक मान्य होगा इस समय भी माता लक्ष्मी की आराधना विशेष फलदाई होती है. ज्योतिषाचार्य का कहना है कि माता लक्ष्मी की आराधना का फल सही मुहूर्त में तो मिलता ही है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है माता लक्ष्मी को अर्पित की जाने वाली चीजें, जिसमें सबसे ज्यादा महत्व रखता है कमल पुष्प या कमल. दीपावली की रात को घर में और घर के आसपास खास जगहों पर दीपक जलाकर रखे जाते हैं। कहते हैं कि दीपावली की रात को देवालय में गाय के दूध का शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे तुरंत ही कर्ज से छुटकारा मिलता है और आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। दीपावली की रात को दूसरा दिया लक्ष्मी पूजा के दौरान जलाएं। तीसरा दिया तुलसी के पास, चौथा दिया दरवाजे के बाहर, पांचवां दिया पीपल के पेड़ के नीचे, छठा दिया पास के किसी मंदिर में, सातवां कचरा रखने वाले स्थान पर, आठवां बाथरूम में, नौवां मुंडेर पर, दसवां दिवारों पर, ग्यारहां खिड़की, बारहवां छत पर और तेरहावं किसी चौराहे पर। दीपावली पर कुल देवी या देवता, यम और पितरों के लिए भी दीपक जलाए जाते हैं।
महाकाली सिद्ध पीठ महंत द्वारा बताये गए दीपावली विशेष पूजा नियम व सिद्ध उपाय
1- दीपावली के दिन भूलकर भी दही का सेवन नहीं करना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा के दिन खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए। खासतौर पर दही का, हालांकि इसे पंचामृत और चरणामृत के रूप में सेवन किया जा सकता है। पर भोजन के रूप में इसका उपयोग भूलकर भी न करें।
2 - दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के बाद उन्हें खीर का भोग जरूर लगाए। खीर के भोग से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
3- दीपावली पर धना यानी धनिया जरूर चढ़ाना चाहिए। धना को धन से जोड़कर देखा जाता है। इसएिल धनिया के बिना मां लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार धना धान्य का प्रतीक है।
4- आपने देखा होगा लक्ष्मी पूजन में मां लक्ष्मी को शकर से बने गडिया गुल्ला और बताशों का भोग जरूर लगाया जाता है। लक्ष्मीजी को शकर से बनी चीजें बहुत पसंद है। गडिया गुल्ला शुद्ध होते हैं। ये शकर से बने होते हैं। इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती इसलिए इन चीजों के बिना मां लक्ष्मी का पूजन अधूरा माना जाता है।
5- दीपावली में शाम का समय मां लक्ष्मी का होता है। ऐसा मानते हैं कि दिवाली के दिन शाम को मां लक्ष्मी भ्रमण के लिए निकलती हैं। ऐसे में यदि आपको ध्यान रखना है कि दीपावली के दिन सूर्यास्त के बाद आप न सोएं। अगर ऐसा करते हैं तो मां लक्ष्मी आपसे रुष्ठ हो सकती हैं।
6- आपको ध्यान रखना है कि दीपावली के दिन आपको गुस्सा नहीं करना है। इस दिन क्रोध करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती। मां लक्ष्मी की पूजा प्रसन्न होकर प्रेमभाव के साथ करनी चाहिए।
7- मां लक्ष्मी को निंदा करना पसंद नहीं। यानी आपको दीपावली के दिन किसी की भी निंदा करने से बचना होगा। ऐसा करने से आप मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह सकते हैं।
8- माँ लक्ष्मी को कमल पुष्प बेहद पसंद है. कमल पुष्प माता को इसलिए भी भाता है, क्योंकि वह इस पर विराजमान हैं और उनके हाथों में भी कमल पुष्प है. अति प्रिय कमल होने की वजह से माता लक्ष्मी को यदि 11, 21, 51 कमल पुष्प अर्पित किए जाएं तो निश्चित तौर पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा कमलगट्टे की माला या कमलगट्टे का हलवा भी माता को अर्पित करें तो अति शुभ है. इतना ही नहीं कमलगट्टे की माला से माता लक्ष्मी का जाप करना भी लाभकारी माना जाता है.
9- शमी पत्र माता को सबसे प्रिय है. ऐसा माना जाता है कि यदि आपका कोई रुका हुआ कार्य है तो माता लक्ष्मी को शमी की पत्ती चढ़ाने से माता का विशेष आशीर्वाद मिलता है. माता लक्ष्मी के साथ ही यदि आप अपने घर में चांदी के या स्वर्ण के सिक्कों का भी पूजन करते हैं तो पूजन के बाद जब आप मंत्र पुष्पांजलि के समय हाथों में पुष्प के साथ शमी पत्र को भी रखकर मां को अर्पित करें, इससे माता का आशीर्वाद मिलता है.
10- दीपावली की उपासना में देवी लक्ष्मी को हल्दी की गांठ भी चढ़ाई जाती है. हल्दी सबसे शुभ मानी जाती है और माता लक्ष्मी को हल्दी भी अति प्रिय है. इसलिए उनके चरणों में हल्दी की गांठ समर्पित करनी चाहिए. बाद में इस गांठ को अपने घर या अपने व्यापार स्थल के मुख्य द्वार पर बांध देना चाहिए, जिससे नेगेटिविटी खत्म होती है.
11- दीपावली में माता लक्ष्मी और गणेश के पूजन के बाद बिल्व की लकड़ी से हवन भी किया जाता है. हवन के दौरान माता लक्ष्मी के नाम से आहुतियां देते हुए गाय के शुद्ध घी का प्रयोग आहुतियों में किया जाना चाहिए, अगर शीघ्र लाभ चाहिए तो कमलगट्टे को गाय के घी में डुबोकर उसकी आहुतियां दीजिए और भी ज्यादा लाभ मिलेगा
गणेश जी का आवाहन करते समय उनके बीज मंत्र का जप करे
ॐ गं गणपतये नमः
माता लक्ष्मी का ध्यान कर उनके इन मंत्रों में किसी एक का जप अवश्य करें
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:
ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः धनाय नमो नमः विश्वजनन्यै नमो नमः
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