नीतेश कुमार संवाददाता राकेश कुमार,,
रामपुरा जालौन । जिला जालौन के माधौगढ़ तहसील के रामपुरा ब्लॉक में ग्रामीण विकास के विभाग की मनरेगा योजना के तहत विकासखंड रामपुरा में फर्जी मनरेगा के अंतर्गत सरकारी धनराशि की बड़े पैमाने पर बंदर बांट हो रही है । सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है खबर। रामपुरा क्षेत्र में कई जगहों पर ऐसे साक्ष मिले हैं, जहां कागजों पर तो मजदूरो को काम करते हुए दिखाया गया है। लेकिन धरातल पर कोई भी कार्य नहीं किया गया है । ताजा उदाहरण विकासखंड की ग्राम पंचायत मानपुरा का है । जहां पर दस्तावेजों में नहर से शत्रुघ्न के खेत तक चकबंदी का काम वर्तमान में करवाया जा रहा है । वहीं दूसरा काम नहर से गंगाराम के खेत तक चकबंदी का काम करवाया जा रहा है । लेकिन इन कामों के साइन बोर्ड पहले से ही लग पाए गए हैं । जबकि जमीन पर वर्तमान में कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है । मनरेगा कार्ड धारकों की जानकारी के मुताबिक बताया गया , क्यों नहीं काम पर आने से मना कर दिया गया है । जबकि कागजी कार्रवाइयों में यह काम जारी दिखाया जा रहा है । देखा जाए तो कम होने का कोई भी साथ मौजूद ही नहीं है । इस संबंध में विभागीय अधिकारी का कहना है ,कि कभी-कभी काम पहले हो जाता है और बाद में मास्टर रोल जारी कर मजदूरों को भुगतान किया जाता है । व्यवहार में हर जगह ऐसा ही होता है यदि अधिकारी की बातों को सच माने तो मनरेगा के कार्यक्रमों के ऑनलाइन दस्तावेजीकरण और पारदर्शिता के प्रावधान और चित्रहीन साबित होते लगते हैं इससे इस आसन का को भी बल मिलता है कि मनरेगा में बड़े पैमाने पर घोटाला चल रहा है जिसका आयाम सृजन घोटाला से भी काफी बड़ा है उल्लेखनीय है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का मुख्य उद्देश्य हाथों से कुशल काम करने को इच्छुक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को वित्तीय वर्ष में 100 दोनों का सुनिश्चित रोजगार देकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका सुरक्षा में वृद्धि लाना है इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वैसे कार्य किए जाते हैं जिनके परिणाम स्वरुप टिकाऊ पर संपत्तियों का सृजन और ग्रामीण गरीबों की आजीविका के संसाधन मजबूत हो इसके तहत किसी कार्य के प्रकरण की तकनीकी वह वित्तीय स्वीकृति के बाद मास्टर रोल जारी कर मजदूरों से काम करते हुए उन्हें रोजगार दिया जाता है प्रावधानों के मुताबिक कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित तथा प्राधिकृत मास्टर रोल को कार्य के दौरान कार्य स्थल पर रखा जाता है और रोजगार सहायक या में उसे पर मजदूरों की हाजिरी बनाते हैंसंबंधित पंचायत के तकनीकी सहायक अथवा अभियंताओं द्वारा किए गए कार्य की मापी भी होती है और उसे एमबी बुक में अंकित किया जाता है लेकिन विकासखंड में कई जगहों पर गंभीर अन्य मित्र देखने को मिल रही है मनरेगा में काम करने वाले मजदूर मुन्नी देवी व अन्य मजदूरों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि क्या काम चल रहा है इसकी जानकारी नहीं है ना ही हमें जानकारी दी गई है जब रामपुर खंड विकास अधिकारी प्रशांत कुमार से फोन के माध्यम से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि मनरेगा में हो रहे कार्यों की जानकारी की जाएगी एवं साइन बोर्ड यह दर्शाने के लिए स्पष्ट होता है की चकबंदी पर क्या काम करवाया जा रहा है।