"नीतेश कुमार संवाददाता राकेश कुमार,,,,,,
उरई,जालौन। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर कन्याप्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा ,माधौगढ़ जालौन में पदस्थ सहायक अध्यापक श्री उपेंद्र सिंह जी को विद्यालय व जिले में उत्क्रष्ट कार्य करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों को पुरुष्क्रत करने बाली संस्था "शिक्षा के सारथी" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कन्या प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा आज जिले का एक उत्कृष्ट और मॉडल विद्यालय बन चुका है। यह परिवर्तन विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री वीर सिंह कुशवाह जी के नेतृत्व में विद्यालय में पदस्थ सहायक अध्यापक उपेंद्र सिंह जी की जिजीविषा और विद्यालय विकास में तन मन धन और पूर्ण लगन के साथ शेक्षणिक व भौतिक परिवेश को उत्क्रष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का परिणाम है कि विद्यालय ना केवल भौतिक रुप से सुंदर ,सुसज्जित व स्मार्ट कक्षा कक्षों ,सुंदर पार्क, विभिन्न प्रकार के सजावटी पेड़ व सुंगधित पौधों से सुसज्जित है अपितु विद्यालय में सभी विद्यार्थियों को निपुण बनाने व निपुण कार्यक्रम के नोडल शिक्षक उपेंद्र सिंह की देखरेख में विद्यालय के अन्य अध्यापकों श्री अबलाख सिंह जी,व श्री अंशुमान जी ने शैक्षणिक वातावरण को उत्क्रष्ट करने मे श्री उपेंद्र सिंह जी को सहयोग प्रदान करते रहते है ।उपेंद्र सिंह जी को अपने कन्या प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा को निपुण बनाने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी माधौगढ़ श्री मुक्तेश कुमार जी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है ,उपेंद्र सिंह जी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा संकल्पित रहते है आज इनकी मेहनत व लगनशीलता का परिणाम है कि विद्यालय के अधिकांश विद्यार्थी न केवल हिंदी ,गणित विषय में निपुण है बल्कि अंग्रेजी जैसी कठिन भाषा में भी निपुण है , खेलकूंद गतिविधियों में भी उपेंद्र सिंह जी के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने न्यायपंचायत स्तरीय व ब्लाक स्तरीय विभिन्न खेलकूंद प्रतियोगिताओं में अपने विद्यालय के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किये हैं सहायक अध्यापक उपेंद्र सिंह जी पाठ्यक्रम क अतिरिक्त अपने निपुण विद्यार्थियों के लिए नवोदय/विद्याज्ञान जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में निरंतर प्रयत्नशील है इनके प्रयास से एक छात्रा का चयन विद्याज्ञान परीक्षा के लिए हो चुका है। उपेंद्र सिंह जी हमेशा अपने विद्यालय में नवीन शेक्षणिक व गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य करने के अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित करते रहते हैं । उपेंद्र सिंह जी की पहल पर विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों का जन्मदिन उपेंद्र सिंह जी व साथी शिक्षकों द्वारा मनाया जाता ह है और उनको गिफ्ट भी दिया जाता है विद्यालय में नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत टीका लगाकर व गिफ्ट देकर किया जाता है ,उपेंद्र सिंह जी की मेहनत ,लगनशीलता का परिणाम है कि विद्यालय का नामांकन में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है ,विद्यालय में समस्त विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध है ,विद्यार्थियों को प्रोजेक्टर, लैपटॉप ,टैबलेट,स्मार्टफोन के माध्यम से विभाग द्वारा संचालित निपुण ऐप/रीड एलांग ऐप/दीक्षा ऐप /स्विफ्ट चैट ऐप आदि का उपयोग के माध्यम से विद्यार्थियों का शैक्षणिक व वौद्धिक विकास करवाया जा रहा है । इसके अतिरिक्त विभिन्न TLM का उपयोग करते हुये विद्यार्थियों को उत्क्रष्ट शिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उपेंद्र सिंह जी के अथक प्रयासों और समर्पण का परिणाम है। इन शिक्षकों ने अपने स्टाफ के सहयोग से विद्यालय की तस्वीर पूरी तरह बदलकर रख दी है, और अब यह विद्यालय स्मार्ट कक्षाओं और मॉडर्न शिक्षा सुविधाओं से लैस है।
शुरुआत से ही विद्यालय के स्टाफ ने यह संकल्प लिया कि वे इस विद्यालय को न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से बेहतर बनाएंगे, बल्कि भौतिक रूप से भी एक मॉडल विद्यालय के रूप में प्रस्तुत करेंगे। प्रधानाध्यापक श्री वीर सिंह कुशवाह के नेतृत्व में, और सहायक अध्यापक उपेंद्र सिंह जी की पहल पर, विद्यालय के सभी कक्षाओं को आधुनिक और स्मार्ट कक्षाओं में तब्दील कर दिया गया है। अब यहां के छात्र-छात्राएं स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, और अन्य तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करके पढ़ाई कर रहे हैं, जो उन्हें नई शिक्षा प्रणाली के साथ जोड़ता है और उनकी समझ को बढ़ाता है।
इस परिवर्तन का सबसे बड़ा श्रेय सहायक अध्यापक उपेंद्र सिंह जी को जाता है, जिन्होंने विद्यालय के शैक्षणिक और भौतिक वातावरण को उत्कृष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। उपेंद्र सिंह जी हमेशा शिक्षा के नए-नए नवाचारों को विद्यालय में लागू करने के लिए तत्पर रहते हैं, जिससे छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि और उत्साह बना रहता है। उनके प्रयासों के कारण विद्यालय में बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। उपेंद्र सिंह जी ने शैक्षणिक नवाचारों को अपनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है,विद्यालय के अन्य सहायक अध्यापक, अबलाख सिंह और अंशुमान द्विवेदी, ने भी इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनके सामूहिक प्रयासों के कारण, विद्यालय की कक्षाएं न केवल स्मार्ट बन गई हैं, बल्कि उनमें विद्यार्थियों के लिए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण भी तैयार किया गया है।
विद्यालय की इस अद्वितीय सफलता की सराहना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन ने भी की है। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर पेज के माध्यम से विद्यालय के स्टाफ द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य की प्रशंसा की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वे अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं।
कन्या प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा अब जिले के लिए एक मॉडल स्कूल बन चुका है। इस विद्यालय की सफलता से यह स्पष्ट है कि जब शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाते हैं, तो किसी भी विद्यालय की तस्वीर बदल सकती है। यह विद्यालय न केवल अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण के लिए जाना जाएगा, बल्कि यह जिले भर के अन्य विद्यालयों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बनेगा।
गइस विद्यालय की बदलती तस्वीर न केवल छात्रों के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शिक्षा के क्षेत्र में सही दिशा और मेहनत से क्या-क्या संभव हो सकता है।