राकेश कुमार, सम्पादक-सतेन्द्र सिंह राजावत,
उरई, जालौन। देश और विदेश की धरती पर अपने काव्य सुमन की सुगंध बिखेरने वाली डॉ. माया सिंह के प्रथम कहानी संकलन ' मौन की मंत्रणा' का बीती शाम देश के जाने-माने साहित्यकारों और समीक्षकों की मौजूदगी में विमोचन किया गया इस दौरान सम्मान समारोह के साथ-साथ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के आयोजन ने देर रात तक गीतों गजलों और शायरियों की बरसात कर श्रोताओं को विविध एहसासों में सराबोर कर दिया। समारोह की अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार पं. यज्ञदत्त त्रिपाठी ने वह मुख्य आतिथ्य जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ घनश्याम अनुरागी तथा संचालन देश के ख्याति प्राप्त गीतकार अर्जुन सिंह चांद ने किया।
गौरतलब हो कि जनपद की वरिष्ठ कवित्री डॉ. माया सिंह माया ने कहानी के क्षेत्र में अपनी दस्तक देते हुए ' मौन की मंत्रणा' पुस्तक लिखकर कहानीकार के तौर पर अपनी पहचान बनाई उनकी इस पुस्तक का विमोचन रविवार की शाम नगर के कालपी रोड स्थित राधा गार्डन सभागार में पूरी भव्यता के साथ किया गया विमोचन कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन और कवित्री की शारदे स्तुति से किया गया तत्पश्चात संवेदना साहित्य समिति की अध्यक्ष डॉ माया सिंह माया ने एवं समिति परिवार ने सभी अतिथियों और साहित्यकारों का माल्यार्पण और स्मृति चिन्ह तथा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पुस्तक की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम नारायण दीक्षित ने कहा कि डॉ माया सिंह द्वारा रचित कहानी संकलन ' मौन की मंत्रणा'सामाजिक हालातो पर संवेदनाओं का दर्पण है जिसमें उन्होंने सामाजिक दायरे के किरदारों की संवेदनात्मक जिंदगी को बड़े ही करीबी से दर्शाया यह कहानी संकलन वास्तव में समाज को आईना दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुर्धन साहित्यकार पंडित यज्ञ दत्त त्रिपाठी ने डॉ. माया सिंह के कहानी संकलन के लिए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी इस दौरान उन्होंने कहा कि इनकी कहानी आम जनजीवन को बहुत ही संवेदनात्मक ढंग से स्पर्श करती हैं। डॉ श्रीमती गायत्री सिंह पूर्व प्राचार्य अरमापुर पीजी कॉलेज कानपुर ने डॉ.माया सिंह के कहानी संकलन को समाज का दिशा दर्शक बतलाया इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि मौजूदा सामाजिक परिस्थितियों में पुस्तक पढ़ने की परंपरा कम होती जा रही है जो की बेहद चिंता का विषय है उन्होंने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि लोग पुस्तकों को पढ़ने और उनके मूल्य को समझने के प्रति जागृत हो। समारोह में अति विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडे के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा जिला प्रोविजन अधिकारी एवं साहित्यकार डॉ. अमरेंद्र पोत्स्ययन देश के सुप्रसिद्ध नाट्य अभिनेता निर्देशक और लेखक ललित सिंह पोखरिया साध्वी प्रज्ञा भारती, डॉ रेनू चंद्रा डॉ. शालिग्राम शास्त्री सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।