निरक्षित गोवंश संरक्षण हेतु ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए अधिशासी अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते जिला अधिकारी राजेश कुमार पांडे

May 6, 2024 - 19:55
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निरक्षित गोवंश संरक्षण हेतु ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए अधिशासी अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते जिला अधिकारी राजेश कुमार पांडे
नीतेश कुमार संवाददाता राकेश कुमार, उरई जालौन। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने मुख्य विकास अधिकारी/अपर जिलाधिकारी(नमामि गंगे)/प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय/समस्त उप जिलाधिकारी/जिला विकास अधिकारी/मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/जिला पंचायत राज अधिकारी/समस्त खण्ड विकास अधिकारी/समस्त अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत को जनपद में निराश्रित गौवंश संरक्षण हेतु स्थापित गौ आश्रय स्थलों में ग्रीष्म ऋतु एवं उ०प्र० राज्य प्रबंधक प्राधिकरण के निर्देशानुसार लू-प्रकोप के दृष्टिगत मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था के सम्बंध में बताया कि उत्तर प्रदेश शासन, पशुधन अनुभाग-2 के शासनादेश दिनांक 09.04.2024 के क्रम में आयुक्त महोदय के कार्यालय पत्र दिनांक 12.04.2024 एवं दिनांक 02.05.2024 का अवलोंकन करें जिसके द्वारा शासन द्वारा निर्गत निम्न निर्देशों का अनुपालन कराये जाने की अपेक्षा की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक निराश्रित गौ आश्रय स्थल पर विशेष निगरानी कराते हुए गोवंश को धूप एवं गर्मी से बचाने के लिए पर्याप्त छाया की व्यवस्था की जाए तथा शेड को गर्म हवाओं के प्रकोप से बचाने के लिए तिरपाल अथवा टाट/बोरे से ढका जाए, गौ-आश्रय स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में भूसा, हरा चारा तथा दाना इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था हो तथा निराश्रित गोवंश के भरण पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए, गोवंश के पीने हेतु स्वच्छ एवं ताजा पानी की व्यवस्था की जाए, संबंधित पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा संरक्षित स्थान पर रखकर उपचार की व्यवस्था की जाए, बीमार तथा अशक्त गोवंशों को छायायुक्त सुरक्षित स्थान पर रखकर उपचार की व्यवस्था की जाए, यदि किसी गो आश्रय स्थल पर गोवंश की मृत्यु होती है, तो गोवंश के शव का निस्तारण यथाशीघ्र सुरक्षित एवं सम्मानजनक ढंग से किया जाय, जिससे गर्मी के कारण शव का पुट्रीफैक्शन (विघटन) न हाने पाए और बीमारी के फैलने का खतरा उत्पन्न न हो, गौ-आश्रय स्थल पर रात्रि कालीन चौकीदार की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए, गौ-आश्रय स्थल पर आगजनी से बचाव हेतु समुचित प्रबंध किये जाए तथा तथा फायर स्टेशन का दूरभाष नम्बर प्रत्येक गौ-आश्रय स्थल पर अंकित कराया जाए, गौ-आश्रय स्थलों पर विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था तथा ससमय पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

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