उरई,जालौन। बजट सत्र 2024 - 25 के लिए यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना दुवारा विधान सभा में पेश किये गए बजट में दलितों, आदिवासियों के लिये क्या..? उन्हें कितना बजट मिला? दलितों के लिए विशेष घटक योजना व आपदा और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए क्या बजट आवंटन किया गया इसके बजट विश्लेषण के साथ बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, नेशनल दलित वाच,एन.सी.डी.एच.आर द्वारा गणेशधाम, उरई में वार्ता की चर्चा की गयी।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस साल के भारी भरकम बजट 7 लाख 36 हजार 4 सौ 37 करोड़ 71 लाख रूपये (736437.71 करोड़ ) जो विधान सभा में पेश किया गया। एस.सी.पी./टी.एस.पी.के विशेष सन्दर्भ में बजट विश्लेषण करते हुए बजट के अधिकार पर काम करने बाले रिसर्सर, दलित एक्टिविस्ट व बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहा कि वित्त राज्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना जी ने रु 736437.71 करोड़ का बजट पेश किया है, उसमे कुल स्कीम बजट 242609.44 करोड़ है। इस वर्ष के बजट में दलितों(अनुसूचित जाति) के लिए SC बजट के अंतर्गत - 43963 करोड़ रूपये दिए है,इस साल के लिए जो 43963 करोड़ रूपये दिए है उसमे कुल टारगेटिड स्कीम में 11547 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में 32415 करोड़ रुपये जारी किया है। जबकि पिछले साल के बजट में अनुसूचित जाति के लिए SC बजट के अंतर्गत- 24546 करोड़ रूपये दिए गए थे, जिसमें कुल टारगेटिड स्कीम में 7833 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में 16623 करोड़ रुपये था। इस साल के बजट में 121 स्कीमों जो नॉन टारगेटिड स्कीमे है 4014.17 करोड़ रूपये का एक तरह से सीधा डायवर्जन किया गया है जिससे दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है,जैसे- राज्य,प्रमुख,अन्य जिला मार्गों के कार्यों हेतु 565.31 करोड़, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु अंशपूंजी में 400 करोड़,राज्य मार्गों के चौडीकरण,सुद्रीकरण 457.63 करोड़ इत्यादि यह सीधे तौर और एससीपी,टीएसपी गाइड लाईन का उल्लंघन है, इस पैसे से कई दलित परिवारों का सशक्तिकरण किया जा सकता था।वही इस साल के बजट में 54 टारगेटि स्कीमें अच्छी है जो सीधे तौर पर दलितों को लाभ पहुचाती है लेकिन उसमे कुछ स्कीमों में बजट बहुत ही कम दिया गया है। जैसे की मानवाधिकार हनन के प्रकरण, स्कालरशिप व छात्रावास स्कीम इत्यादि।
पूरे देश में दलित के बजट के लिए एससीपी – टीएसपी गाइड लाइन है जो प्रदेशों में भी लागु होती है, जो पिछले 43 सालों से आई है उसका हिसाब लायेंगे तो बहुत बड़ा आंकड़ा सामने आयेगा। कुछ राज्यों जैसे - आंध्रप्रदेश, तेलंगाना,कर्नाटका में इसका अलग से कानून है लेकिन यूपी में इसका कानून नहीं है जिसकी मांग पिछले कई सालों से दलित संगठन करते आ रहे है, अगर सरकार गाइड लाइन के हिसाब से पैसा दलितों के लिए दिया गया होता तो हर साल कम से कम 1 लाख से ज्यादा दलित भूमिहीन परिवारों जमीन खरीद कार दी जा सकती, लाखों दलित युवाओं को रोजगार दिया जा सकता, लाखो दलित स्टूडेंट को स्कालरशिप देकर उनकी पढाई जारी रह सकती,मैला ढ़ोने बाले परिवारों का स्थाई पुनर्वासन हो सकता, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र को मास्टर प्लान के तहत सुखा व आपदा से मुक्त किया जा सकता। अभी टीम दुवारा यह प्राथमिक बजट अनालिसिस किया गया है विस्तृत व विभागवार एवं योजनाबार बजट का विश्लेषण कर जल्द ही सभी के सामने लाया जायेगा व अभी विधानसभा सत्र चल रहा है, इस दौरान विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक लीडरों के साथ संवाद व परिचर्चा की जायेगी और उस पर पैरवी की जाएगी। यूपी बजट 2024-25 पर टिप्पणी करते हुए मंच के साथी नत्थी चौधरी ने कहा की सरकार सबका साथ सबका विकास की सिर्फबातें ही करती है बजट उस हिसाब से नहीं देती है महिलाओं के लिए बड़े बड़े बादे करती है लेकिन बजट में दलित महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है, मधु अनुरागी ने कहा की महिलाओं व लड़कियों और फोकस स्कीम बनानी चाहिये, जलवायु परिवर्तेतन एवं आपदा निवारण समिति के सदस्य बिन्द्कुमारी जी ने कहा की बुंदेलखंड आपदा ग्रसित क्षेत्र है बजट में उस पर ज्यादा फोकस व स्कीमें बनानी चाहिए,सत्वयवान ने दलित अत्याचार से पीड़ितों को समय से मुआवजा देने की बात कही, स्टूडेंट लीडर सचिन ने बजट व छात्रवृत्ति के बारे में बात कही। इस अवसर पर कुलदीप कुमार बौद्ध, मधु अनुरागी, नत्थी चौधरी, बिन्द्कुमारी, सत्यवान,सचिन चौधरी,मौजूद रहे।