भाकपा माले एक्टू पल्लेदार मजदूर यूनियन द्वारा बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर दी गई श्रृद्धांजलि
उरई(जालौन)।भाकपा माले एक्टू पल्लेदार मजदूर यूनियन ने मनाया बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस बाबा साहब भीमराव अंबेडकरपरि निर्माण दिवस और सेकुलर भारत संविधान और पाखंड पर सेमिनार में आज गल्ला मंडी उरई जनपद जालौन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केपरि निर्माण दिवस पर सेकुलर भारत निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की भूमिका और संविधान पर चर्चा करते हुए ऑल इंडिया सेंटर काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस एक्टू राष्ट्रीय पार्षद जिला अध्यक्ष कामरेड राम सिंह चौधरी ने कहा की बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत का निर्माण का जो सपना है वह सेकुलर भारत के बिना वह सपना पूरा नहीं किया जा सकता जा सकता बाबा साहब ने संविधान में जो प्रस्तावना दी है वह है हम भारत के लोग समान अधिकार सबको काम सबको समानता बराबरी रोजगार आपकी गारंटी शोषण विहीन मौलिक अधिकार भारत की रचना जमीन के राष्ट्रीयकरण पाखंड वाद छुआछूत जातिवाद जाति विध्वंस के साथ जनवादी अधिकारों की गारंटी ऐसे भारत के सपने को देखते थे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और वह जाति विध्वंस की हमेशा वकालत करते थे उन्होंने ही कहा था की बौद्ध धर्म नहीं वह एक दर्शन है वह धार्मिक प्रपंच और पाखंड के खिलाफ हिंदू रिडल मैं लिख कर ग ऐकि मनुवाद ने क्या किया उसने इंसानियत को तार-तार कर भारतीय स्वरूप की संस्कृति को हड़पने और उसकी मूल भावना को नेस्तनाबूत किया है जबकि भारत की संस्कृति और सभ्यता की कहानी कुछ और ही है आज जो भारतीय स्वरूप है वह है बताता है की किस तरीके से भारत में सामंती समाज के पहले कबीलाई सिस्टम रहा है कबी लाई सिस्टम में भारतीय संस्कृति की जो झलक दिखती है वह खेती के उत्पादन की बहुत ही दयानीय स्थिति में दिखती है क्योंकि जिस जमीन पर जिन श्रमिकों ने काम किया वह जमीन ज्यादातर उन तमाम सामंती और स्वर्णो ने ले ली है मंदिर की नाम पर लगी हुई जमीने जोहै उसमें आसाराम बापू राम रहीम जैसे लाखों लाख बाबा जो बलात्कारी है जाने कितने बाबा बैरागी पोंगा पाखंडी शामिल है और इसी तरीके की सवर्ण जातियां जमीनों पर व्यापार पर बिजनेस पर काबिज है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने व्यापार से लेकर बिजनेस से लेकर और जमीन से लेकर जो राष्ट्रीयकरण की वकालत की वह इस देश में आज भी लागू नहीं हुई भूमि सुधार जरूरी थे लेकिन उस पर भी इस देश में बिहार पश्चिम बंगाल में कुछ संघर्ष और कार्य हुए हैं लेकिन आज भी भारत का भूमि सुधार निम्न स्तर पर चला गया है इसलिए भारत में भूमि सुधार का प्रश्न जाति प्रश्न से आगे है और जाति विध्वंस का हल भी भूमि सुधार है भूमि सुधार का मतलब बिल्कुल साफ है भूमि बंटवारा जिस पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जाति प्रश्न के सवाल पर हरिजन स्थान की भी मांग की थी और भारत में इस बात पर चर्चा बहुत कम होती है इस पर भारत में अभी भी दलितों के बीच काफी चर्चा होती है क्यों क्योंकि जातीय उत्पीड़न है का प्रश्न आज भी प्रमुख बना हुआ है जाति हिंसा का प्रश्न भी प्रमुख है वह भी आर्थिक और सामाजिक है इन प्रश्नों पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान में व्यवस्था दी है वह आज भी लागू नहीं होती है आज भी भारत में लाखों लाख पद रिक्त पड़े हैं जिन पर दलितों को हसीए पर फेंक दिया गया है क्योंकि दलित है क्या दलित ही लगभग सर्वहारा है जिसको हिंदुस्तान के जनमहानायक कामरेड विनोद मिश्रा ने भी लखनऊ के दलित महासभा के कन्वेंशन में स्वीकार किया था तब हम कह देना चाहते हैं की नक्सलबाड़ी में भी जो युद्ध था वह भारत के इतिहास का एक ऐसा पहलू है जिसमे हसिए पर धकेल दिए गए क्रांतिकारियों की अमर गाथा पूरे देश दुनिया में गाई जाती है आओ आज हम सब मिलकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों के भारत को पूरा करने के लिए फासीवाद के खिलाफ उनके हिंदू राष्ट्र के बारे में कह गए उसे वचन को याद करें जिस पर उन्होंने कहा था कि जिस दिन हिंदू राष्ट्र बनाने वाली ताकतें इस देश में हिंदू राष्ट्र की वकालत करेगी उसी दिन हिंदुस्तान में दलितों के लिए जातीय विध्वंस का प्रश्न सीधे फासीवाद से टकराएगा इसलिए फासीवाद से लड़ने के लिए हमें जातियों में भी वर्ग संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना होगा और यह रास्ता सवर्ण सामंती ताकतो से टकराएगा क्योंकि दलित में ज्यादातर कॉरपोरेट नके बराबर होंगे इसलिए दलितों के सबसे अच्छे दोस्त और संघर्ष के साथी आखिर में कम्युनिस्ट ही होंगे आओ हम सब मिलकर आज सेकुलर भारत बाबा साहब का भारत बनाने के लिए संकल्प लें अंत में कॉमरेड राजाराम वर्मा की नाती स्वर्गवास हो जाने के कारण 2 मिनट का मौन धारण करश्रद्धा सुमन अर्पित किए गए आज के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की परी निर्माण दिवस पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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