*नीतेश कुमार संवाददाता राकेश कुमार,,,,,,* उरई(जालौन)।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र देव शर्मा ने बताया कि जनपद में वर्तमान में डिप्थीरिया से पीडित 02 बच्चें, राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीडिअट्रिक बार्ड में भर्ती हैं। 01 अन्य बच्चे को (डिप्थीरिया एन्टी टॉक्सिन) DAT 02 एम०एल० डोज देने के पश्चात कानपुर रिफर किया गया है। भर्ती दौनों बच्चों की स्थिति ठीक है। इन बच्चें को 02 एम०एल० (डिप्थीरिया एन्टी टॉक्सिन) DAT की डोज दी गई है तथा जनपद में 10 राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा 17 जनपदीय स्टोर कुल 27 DAT वाइलें उपलब्ध हैं तथा डिप्थीरिया के उपचार में प्रयोग की जाने वाली अन्य दवाए भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं तथा (डिप्थीरिया एन्टी टॉक्सिन) DAT की उपलब्धता बनाये रखने हेतु प्रतिदिन समीक्षा की जा रहीं है। प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज द्वारा डा० जी०एस० चौधरी एच०ओ०डी० बाल रोग विभाग को डिप्थीरिया का नोडल नामित किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को नोडल नामित किया गया है एवं निर्देशित किया गया है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रत्येक डिप्थीरिया से पीडित बच्चों को DAT की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डिप्थीरिया बीमारी के बारे में यह भी वताया कि इस बीमारी में बच्चे को जुखाम खासी के साथ गले में सूजन आ जाने के कारण जाली सी वन जाती है जिससे बच्चो को सांस लेने में परेशानी होती है जो शरीर की पूरे तत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है एवं दम घुटने से बच्चे की मृत्यु हो जाती है। यदि बच्चा बच जाता है तो हार्ट अटेक की सम्भावना अधिक रहती है। यदि किसी बच्चे में डिप्थीरिया के लक्षण संदिग्ध हों तो तत्काल बाल रोग विशेषज्ञ / ई०एन०टी० विशेषज्ञ से उपचार हेतु सम्पर्क करें। इस बीमारी से वचाव का एक मात्र कारगर उपाय नियमित टीकाकरण है। नियमित टीकाकरण में बच्चे को डेढ ढाई, साडे तीन माह पर पेन्टा/डी०पी०टी० की तीनों डोजे 18 माह पर प्रथम बूस्टर तथा 5 वर्ष पर द्वितीय दूस्टर तथा 10 वर्ष एव 16 वर्ष पर टी०डी० का टीका लगवाना अति आवश्यक है।
जनपद वासियों से अपील है कि अपने बच्चों एवं अडोस पडोस के बच्चों का नियमित टीकाकरण अवश्य करवायें जिससे बच्चों में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके।