17 जुआड़ियों सहित पकड़े गए जुए का 5 लाख या 80 लाख वाला सच क्या

Sep 19, 2024 - 18:39
Sep 19, 2024 - 18:41
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17 जुआड़ियों सहित पकड़े गए जुए का 5 लाख  या 80 लाख वाला सच क्या

0 एसओजी पकड़े जुआ थाना पुलिस करें मोटरसाइकिल चालान

0 नगर व जनपद के लोगों की जुवान लगा रही पुलिस पर सवालिया निशान

0 पुलिसअधीक्षक कितनो पर गिराएंगे गाज

रामपुरा (जालौन)। एसओजी एवं सर्विलांस टीम ने थाना रामपुरा पुलिस के सहयोग से 17 अभियुक्तगणों को जुआ खेलते हुये गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक उनके कब्जे से मालफड़/जामातलाशौ पांच लाख दो हजार तीन सौ दस रूपये (5,02,310/- रूपये) व 03 अदद ताश गड्डी बरामद किया गया है जिसके आधार पर पुलिस ने कर्यवाही भी कर दी । दिनांक 18 सितंबर 2024 को देवेन्द्र सिंह पुत्र स्वर मंगल सिंह नि०मु० जवाहर नगर कस्बा व थाना रामपुरा निनावली रोड पर खाली पडे मकान में जुआं खिलवा रहा है इस सूचना पर एसओजी एवं सर्विलांस की टीम द्वारा थाना रामपुरा पुलिस के सहयोग से पुलिस बल के साथ दविश देकर बन्द मकान मे ताश के पत्तो से जुआ खेलते हुये 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जिनके पास से मालफड़ के रुप मे (4,62350) चार लाख बासठ हजार तीन सौ पचास-रुपया तथा जामातलाशी मे (39,960) उनतालीस हजार नौ सौ साठ रुपये नगद व 03 अदद ताश गड़डी आदि बरामद पुलिस ने बरामद दिखाई । थाना रामपुरा में जुआ अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही भी कर दी । लेकिन यहाँ कई सवाल पैदा होते है। क्योंकि जुआ पकड़ते ही नगर में कई तरह की चर्चाएं गूँजने लगी और पुलिस के कार्य पर संदेह उठने लगा । क्योंकि चर्चाओं में पकडी गई रकम 80 लाख से 1 करोड़ के बीच बताई जा रही। क्योकि जो भी लोग पकड़े गए वो ऐसे समुदाय से आते है जो करोडों के आसामी है। इस हिसाब से ये लोग जुआ खेलने जाएंगे तो कम से कम 1 व्यक्ति 10 से 20 लाख के बीच तो लेकर ही जायेगा इस हिसाब से 17 लोंगो का आंकड़ा करोड़ के पार जाता । इसी वजह से चर्चाओं में पुलिस पर सबाल उठ रहे है क्योंकि सूत्रों और चर्चाओं की माने तो ये लोग कई सालों से उसी क्षेत्र में पुलिस की सरपरस्ती में जुआ खेल रहे थे जिसकी शिकायत ऊपर की गई यही वजह रही कि जुआ की धड़पकड़ में एसओजी को शामिल होना पड़ा ।क्योंकि एसओजी अगर जुआ पकड़ने का काम करने लगी तो वो क्राइम को कोंन देखेगा जो आज भी कागजो में दम तोड़ रहे । और रही जुए की बात तो क्या जुआड़ी रामपुरा पुलिस के बस के नही थे । जो गोपनीय मामलों को देखने वाली एसओजी को छापा मारना पड़ा । कुछ सूत्रों का तो यह तक कहना है कि जब एसओजी ने जुआ पकड़ा तो इसकी भनक रामपुरा पुलिस तक को नही लगी । वही जुआड़ियों को जब थाने लाया गया तो पत्रकारों और जुआड़ियों के बीच कोरोना काल वाले नियम लागू कर दिए । जिससे पत्रकार जुआड़ियों से रकम की जानकारी न ले पायें। जबकि सूत्रों का यह भी कहना है कि जुए में छूट के लिए सिर्फ राठौर ने अकेले 35 लाख बाहर से मंगाए थे तो वो पैसा कहां गया । यही कारण रहा कि कई बड़े व छोटे संस्थानों ने अपने अखबारों तक मे 80 लाख की रकम का जिक्र कर दिया । रही बात आरोपो की तो एसओजी पर कई बार आरोप लगे और लाईन हाजिर भी हुए । लेकिन इस मामले की चर्चाएं नगर क्या जनपद के लगभग हर व्यक्ति की जुबान पर है जो पुलिस पर सवालिया निशान लगा रही है। जिस वजह से इस मामले की जांच होना लाजमी है । क्योंकि ये तो चर्चाएं है इसका सच तो जांच के बाद ही पता चलेगा वैसे एक कहावत में कहा गया । कि बिना आग के धुंआ नही उठता । इसी वजह से पुलिसअधीक्षक ने इस मामले में कुछ पुलिस वालों पर गाज भी गिराई है । जो कि लाजमी है क्योंकि इस मामले की जानकारी पुलिसअधीक्षक को चर्चाओं से ही हुई अगर इसकी जानकारी पुलिसअधीक्षक को पहले होती तो स्वच्छ छवि वाले पुलिसअधीक्षक इन चर्चाओं की जड़ ही समाप्त कर देते ।

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