राकेश कुमार
उरई। कैन्द्र व लोकप्रिय योगी सरकार की नारी शक्तिकरण अभियान को राहिया चौकी इंचार्ज पलीता लगा रहे है। लोकसभा चुनाव सिर पर है लेकिन पिछली सरकार की सोच के लोग जहां तहां बर्षो से जमे है। वह चुनाव मे भाजपा को नुकसान कराने एवं महत्त्वकांक्षी योजनाओ पर कुठराघात करके सरकार की स्वच्छ छबि धूमिल करने का कुठसित प्रयास लगातार कर रहे है। आपको बता दे शुक्रवार को राहिया चौकी इंचार्ज गौरव मिश्रा के बिरूद्ध एक नही बल्कि कई शिकायती पत्र लेकर अलग-अलग लोग पुलिस कार्यालय पहुंचे । जहां उनकी पुलिस कप्तान से तो मुलाकात नही हो सकी लेकिन उन्होने अपना शिकायती पत्र अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी देकर उनके समक्ष अपना दुखड़ा सुनाकर गौरव मिश्रा को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की । शिकायती पत्र मे बताया कि कि प्रार्थिनी मुहल्ला नया पटेल नगर चुर्खी रोड बघौरा उरई थाना कोतवाली उरई जिला जालौन की निवासिनी है। प्रार्थिनी का अपने ससुरालीजन से मुकदमेंबाजी चल रही है प्रार्थिनी के साथ हुयी घटनाओं के सम्बन्ध में मुकदमें न्यायालय में विचाराधीन है परन्तु राहिया चौकी इंचार्ज उपनिरीक्षक गौरव कुमार मिश्रा प्रार्थिनी के ससुरालीजन से मिले हुये है और उनके झूठे प्रार्थना पत्र लेकर प्रार्थिनी को चौकी में बुलाते है अभद्र भाषा का प्रयोग करते है कहते है कि अपने कपड़े खोलकर दिखाओं कि तुम्हारे शरीर पर किस किस जगह चोटें आयी थी और गंदी गंदी अश्लील बातें करते है और लगातार दो-चार दिन बाद प्रार्थिनी के घर आते है और गाली गलौज करते है और कहते है कि चौकी पर आओ अगर नही आयी तो तुझे झूठे मुकदमें में फंसा दूंगा प्रार्थिनी उक्त दरोगा के कृत्यों से
अत्याधिक परेशान है जिस कारण से प्रार्थिनी व उसके चार नाबालिग बच्चे बहुत ही डरे सहमे है दरोगा जी के उत्पीड़न से प्रार्थिनी तंग आकर आत्महत्या कर लेगी। ऐसी स्थिति में उक्त दरोगा गौरव कुमार मिश्रा
के विरूद्ध कानूनी व विभागीय कार्यवाही की मांग की । इसके अलावा 31 मार्च 2024 को उपनिरीक्षक गौरव मिश्रा ने सुबह आठ बजे से लेकर शाम तक उक्त चार नाबालिग बच्चो की माॅ को चौकी पर भूखे-प्यासे बैठाये रखा । पूर्व मे गौरव मिश्रा पर डिप्टी गंज चौकी क्षेत्र राठ रोड़ पशुअस्पताल मे सट्टा खिलवाने के आरोप लगते रहे है। इनके कार्यकाल मे सट्टे काला कारोबार खुले आम होता था। कई लोग अपनी गाढ़ी कमाई जुए सट्टे मे हारकर आत्महत्या करने को मजबूर एवं चोरी चकारी करने मजबूर हो जाते है। इसके अलावा शांति नगर की एक महिला भूरी कुशवाहा ने भी चौकी इंचार्ज पर पोस्को ऐक्ट के मामले फील्ड़ गुड़ करने का आरोप लगाया था । लिखापढ़ी करने के बाद मे मुकेश ठाकुर को जेल भेज दिया था जबकि सहयोगी का नाम आरोप पत्र से निकाल दिया था। इसके अलावा डिप्टीगंज क्षेत्र की हरिजन युवती ने अपने पति के खिलाफ धोखाधड़ी और दहेज व ससुर द्वारा छेड़खानी की शिकायत गौरव मिश्रा से कई बार करने पर भी महोदय द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी जिस कारण उक्त जांच कोतवाली उरई के अन्य दरोगा नरेन्द्र से करवायी गयी। इसी प्रकार एक आगजनी मामले मे वादी से बिना मिले गौरव मिश्रा ने एफ आर लगा दी जो न्यायालय एक साल बाद तक भी नही भेजी गयी। ऐसे मे भ्रष्ट पुलिस कर्मी द्वारा ईमानदार पुलिस अधीक्षक ईराज राजा की छबि पर बट्टा लगाया जा रहा है । अब देखना दिलचस्प होगा कि ईमामदार पुलिस अधीक्षक क्या दोषी पुलिस कर्मी पर क्या कार्यवाही करते है।