'राजनीति'
भोपाल राजधानी मध्य प्रदेश में मालवा-निमाड़ का रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र इस बार चर्चा में है। दरअसल यह इस अंचल की एकमात्र ऐसी सीट है, जहां प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। यहां जीत मिली तो श्रेय सभी को मिल जाएगा, मगर हार पर प्रतिष्ठा धूमिल होना तय है। ऐसे में तीनों मंत्री पूरी ताकत इस सीट पर झोंक रहे हैं।
संसदीय क्षेत्र में तीन जिले रतलाम, झाबुआ और आलीराजपुर सम्मिलित हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मोहन मंत्रिमंडल के गठन में तीनों ही जिलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है। रतलाम से चैतन्य कश्यप, झाबुआ से निर्मला भूरिया और आलीराजपुर से नागरसिंह चौहान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
जाहिर है कि ऐसे में इस सीट पर तीनों मंत्रियों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। तीनों मंत्री इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। सभी अपने गृह जिले में मतदाताओं के बीच पहुंचकर भाजपा के समर्थन में वोट मांग रहे हैं। बता दें कि भाजपा प्रत्याशी अनीता चौहान आलीराजपुर विधायक व कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान की पत्नी हैं।
*झाबुआ बनाम आलीराजपुर की जंग*
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बड़ा फेरबदल करते हुए आलीराजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता चौहान को टिकट दिया है। 1980 के बाद यह पहली बार है जब पार्टी ने इस सीट पर आलीराजपुर जिले से किसी को टिकट दिया है। इस सीट पर अमूमन झाबुआ जिले से ही उम्मीदवार तय होता है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और झाबुआ विधायक रहे कांतिलाल भूरिया पर ही भरोसा जताया है। ऐसे में यह लड़ाई झाबुआ बनाम आलीराजपुर की भी नजर आ रही है। पिछले दिनों हुई बयानबाजी में भी यह बात सामने आ चुकी है। कांग्रेस के थांदला विधायक वीर सिंह भूरिया ने भील बनाम भिलाला का मुद्दा भी पिछले दिनों उठाया और आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी। इस पर भाजपा हमलावर हुई और विधायक भूरिया के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। बाद में विधायक भूरिया को इस मामले को लेकर सफाई भी पेश करनी पड़ी थी।