पेपरों के बीच सर्वोदय इण्टर कालेज से आती है चूडियों की आवाज
बाहर से डले ताले वाले वीआईपी कमरे में पेपरों में कितने हुए काण्ड
आखिरकार कालेज की हकीकत जान अधिकारी क्यो रह जाते मोन
उरई(जालौन) । जनपद जालौन के सर्वोदय इण्टर कालेज उरई के कई काण्ड लोगों से लेकर अधिकारियों के कान में आज भी फुसफुसाते रहते है। लेकिन मजाल है कि कोई अधिकारी उसका संज्ञान ले सके । क्योकि कालेज के प्रधनाचार्य को सायद कोई वरदान प्राप्त है जिस वजह से उच्चाधिकारि तक सायद डर की वजह से इनके मामलों का संज्ञान नही लेते । यही कारण है की कॉलेज में किराये से कमरे भी दिए गए है जिसकी पुष्टी पूर्व में रहे प्रबंधन ने की थी । क्योकि जब उनसे कालेज में सालों से निवास कर रहे अध्यापक नरेन्द्र के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा की नरेन्द्र कालेज को किराया देता है जब उन्हें कालेज के रूल्स के बारे में बताया तो उनके मुह पर शान्ति ने हाँथ रख दिया जिसके बाद उन्होंने 15 दिन में कालेज परिसर खाली करवाने का वचन दे दिया । कालेज परिसर खाली करवाने की जगह प्रधनाचार्य ने कॉलेज में चीन की दीवाल उठाकर कालेज का नक्सा ही बदल दिया और किराया देने वाले अध्यापक को अभयदान दे दिया । जिसके बाद बोर्ड परीक्षाओं की बारी आई तो भौतिक सत्यापन में चीन की दीवाल ने उस अध्यापक को बचा लिया और सत्यापन में इन्सान के नही चिड़ियों के घोंसले दिखे क्योंकि प्रधनाचार्य को चमत्कार करना भली भाँती आता है। लेकिन ताज्जुब की बात तो तब हुई जब सूत्रों से पता चला कि अध्यापक की फेमली सारे पेपरों में कॉलेज के अन्दर ही रही और सवालों के उत्तर गुनगुनाती रही । जब इसकी सूचना उच्चाधिकारि झांसी मण्डल को दी गई तो उन्होंने डीआईओएस से मामले का समाधान करने की बात कही । लेकिन कई पेपर हो जाने के बाद भी प्रधनाचार्य का जलवा बरकरार है और चूडियों खनक से कालेज गूंज रहा है । कुछ सूत्रों द्वारा सालों से कालेज में निवास करने वाले अध्यापक को प्रधनाचार्य का दत्तक पुत्र भी बोल डाला अगर ऐसा है तो सायद दुनिया की कोई तगत कुछ नही कर सकती और भृष्टाचार बरकरार रहेगा लेकिन इसके अलावा भी कालेज के कई मामले भरष्टाचार से फल फूल रहे है।
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