उरई ! जालौन ! अपर जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि जनपद जालौन में दिनांक 20.02.2024 में हुयी असामयिक वर्षा व ओलावृष्टि से तहसील जालौन के ग्राम खनुवाँ, धनौरा कलाँ, खर्रा, कैथ, लहचूरा, धन्तौली, कुँवरपुरा, गुपलापुर, हथनाखुर्द, तहसील कोंच के ग्राम भेड़, तीतरा, सदूपुरा, कनासी, अकनीबा, तहसील उरई के ग्राम धगुंवा कलॉ, मिनौराकालपी तहसील माधौगढ़ के ग्राम कन्झारी तथा तहसील कालपी के ग्राम सुनेहटा आदि ग्रामों में कृषि फसलो में नुकसान होने की सूचना अभी तक प्राप्त हुयी है, सर्वे की कार्यवाही प्रचलित है। जनपद की समस्त तहसीलो से प्राप्त प्रारम्भिक सूचना के अनुसार कई राजस्व ग्रामों में कतिपय कृषको की फसल क्षति 33% से अधिक है। यद्यपि मुख्य फसल गेहूँ का नुकसान कम है किन्तु मटर, सरसों तथा चने की फसल का अधिक नुकसान हुआ है। इस सन्दर्भ में जिलाधिकारी महोदय के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी (वि-रा) जालौन, समस्त उपजिलाधिकारी व तहसीलदार तथा अन्य राजस्व कर्मियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रो में ओलावृष्टि से हुयी क्षति का आंकलन करने के लिये स्थलीय निरीक्षण किया गया है। सर्वे में पायी गयी क्षति के सम्बन्ध में शासनादेश में अंकित व्यवस्था के अनुसार कृषको को 33% से अधिक नुकसान पर सिचिंत क्षेत्र में 17000/-रू0 प्रति हे० तथा असिचिंत क्षेत्र में 8500/-रू0 प्रति हे0 की धनराशि देय है। यह धनराशि न्यूनतम सिंचित क्षेत्र में 2000/-रू० व असिंचित क्षेत्र में 1000/-रू० बोये गये क्षेत्रो के अधीन निर्धारित है। इस सम्बन्ध में अपनी फसल के नुकसान से सम्बन्धित विवरण सम्बन्धित उपजिलाधिकारी/तहसीलदार/ नायब तहसीलदार / राजस्व निरीक्षक अथवा लेखपाल के पास दर्ज कराया जा सकता है। कृषको की समस्या के निवारण हेतु जनपद जालौन मुख्यालय पर कन्ट्रोल रूम नम्बर 05162-257090 व 252516 प्रारम्भ किये गये है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देश दिये गये है कि जिन कृषको की फसलो की क्षति हुयी है उनका सर्वे कराकर नियमानुसार यथाशीघ्र भुगतान की कार्यवाही की जाये।