हर मानव को बुद्ध के बताएं पंचशीलों का पालन करना चाहिए - बौद्धाचार्य रामबिहारी बाबू जी
उरई, जालौन। 21 जनवरी 2024 को तीन दिवसीय बुद्ध धर्म देशना कार्यक्रम के दूसरे दिन तथागत गौतम बुद्ध के जीवन दर्शन का संगीतमय अरविंद बौद्धाचार्य व विशाखा बौद्ध ,निशा बौद्ध के द्वारा मैत्री बुद्ध विहार बघौरा उरई में हुआ।
भदंत शील प्रकाश ने बताया गौतम बुद्ध जब लोगों को दुखी देखकर परेशान होते तब मानव जीवन का मूल आधार ढूंढने के लिए घर का त्याग कर अपनी पत्नी व बच्चों को छोड़कर बड़े-बड़े महात्माओं के पास जिज्ञासा लेकर पहुंचे और उन्होंने संतुष्टि पाने में नाकाम रहे किंतु अंत में पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर स्वयं चिंतन कर उन्होंने समझ लिया। कि यह संसार मानव के लिए दुखों से भरा इसकी मुक्ति के लिए आत्म संतुष्टि का होना अनिवार्य है।अतः तथा गौतम बुद्ध के जीवन से ही हमें पता चलता है की अच्छा ज्ञान ही आपके जीवन को कल्याणकारी बन सकता है। इसलिए लोगों को तथागत बुद्ध के जीवन दर्शन को जानकर संसार की सेवा कर आत्म संतुष्ट हो जाना चाहिए। बौद्धाचार्य राम बिहारी बाबू जी ने कहा हर मानव को बुद्ध के बताएं पंचशीलों का पालन कर खुद आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं
भंते ज्ञान ज्योति ने कहा तथागत गौतम बुद्ध ने सदैव सबका मंगल चाहा और हर दुख के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानकर उसके सुधार के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखें कार्यक्रम में दूर-दूर से आए राजनीतिक दलों के नेता सामाजिक कार्यकर्ता शिक्षक नेता एवं हजारों लोग शामिल हुए।
प्रमुख रूप से भदंत यशकश्यप कुशीनगर, भदंत प्रज्ञाशरण गोपालपुरा, भदंत सरूपानंद झाँसी, भदंत धम्मशील पारीक्षा, भदंत पटसेन भिंड, भदंत शिखानंद दतिया, भदंत सरूपानंद, राम औतार गौतम,राम शरण जाटव,अरविंद्र कुमार, अरविंद खाबरी,मिस्टर सिंह, अजय गौतम,रामशरण जाटव, बसपा जिला अध्यक्ष धीरेंद्र चौधरी,मोतीलाल,पप्पू, रंजीत सिह,सुरेन्द्र विक्रम वेद,प्रयाग सिहं, महेंद्र शिरोमणी वीरेंद्र प्रताप सिंह, चंद्रशेखर , भगवती शरण पांचाल,सुनीता ,जया समेत सैकड़ों महिलाएं मौजूद रहे।