सडको और खेतो मे अन्ना पशु दिखना नहीं चाहिये - ज्ञानेंद्र सिंह ; गौशालाओ में हो यज्ञ - हवन, जिले की कम से कम चार गौशालाओ को मोडल बनाया जाए....

Jan 13, 2024 - 21:47
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सडको और खेतो मे अन्ना पशु दिखना नहीं चाहिये - ज्ञानेंद्र सिंह ; गौशालाओ में हो यज्ञ - हवन, जिले की कम से कम चार  गौशालाओ को मोडल बनाया जाए....
उरई(जालौन)।जल निगम के संयुक्त एमडी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि जिले मे सड़कों और किसानो के खेतो मे अन्ना पशु दिखाई नहीं देना चाहिए को आज अधीनस्थ अधिकारियों के साथ विकास भवन में लक्ष्मीबाई सभागार में गौशालाओं के निरीक्षण के बाद अधीनस्थ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से वार्ता भी की l श्री सिंह ने कहा की जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडे बेहद संवेदनशील अधिकारी है उन्होंने पहले ही सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने, भूसा और पानी का प्रबंध करने के निर्देश पहले ही दे दिऐ हैl एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा उन्होंने अभी तक कदौरा,सरसौखी,सोमई, बरखेरा कान्हा आदि गोशालाऔ का निरीक्षण किया हे l उन्होंने कहा जिले में कम से कम चार् ऐसी गौशालाएं होना चाहिए जिन्हे प़देश और देश मे माण्डल के रुप मे दिखाया जा सके l एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा और इससे ही अन्ना प्रथा खत्म होगी l उन्होंने कहा देसी गायों के लिए गौशालाओं में नस्ल परिवर्तन कराया जाना बहुत जरूरी है इसमें ऐसे सीमेन का उपयोग किया. जिसमे अच्छी बछिया उत्पन्न हो यदि बुंदेलखंड में ऐसा हो गया तो देसी गाय की अच्छी नस्ल तैयार हो जाएगी उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा इजराइल में तो कम से कम 40 लीटर एक बार में दूध देने वाली गाय हैं और अधिक से अधिक 80 लीटर तक देती हैl जिस दिन बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश गौशाला में अधिक दूध देने वाली अच्छी नस्ल की देसी गए हो जाएगी. गौशालाओं की आर्थिक आय में बहुत वृद्धि हो जाएगी l प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश शासन यही चाहता है कि गोपालक और किसान आर्थिक रूप से संपन्न हो वह अपने पैरों में खड़ा होl गौशालाओं में अच्छे व्यक्तियों को जोड़ने के लिए वहां यज्ञ हवन की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि तमाम लोगों से जुड़े और यज्ञ और हवन के माध्यम से प्राकृतिक और सामाजिक सकारात्मक परिवर्तन होते हैंl उन्होंने कहा कि अमेरिका में आज जो लोग हाई ब्लड प्रेशर या ब्लड प्रेशर की तमाम परेशानियों में से ग्रसित होते हैं वह गाय के पास प्रतिदिन एक घंटा समय बिताते हैं उसके कंधे और गले को सहलाते हैं जिससे उनका बीपी नॉरमल रहताl इसी तरह गाय के गोबर और मूत्र से जीवामॅत तैयार किया जाता है l जो प्राकृतिक खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैl श्री सिंह ने कहा कि तमाम शोध बताते हैं की रासायनिक करो की वजह से मनुष्य में और पशु पक्षियों में तमाम घातक बीमारियां आई है इसलिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा जो पूरे मनुष्य और पशु पक्षियों के लिए भी लाभदायक है एक सवाल के जवाब में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन गोपालकों को प्रति गाय ₹900 महीना सरकार का अभी तक नहीं आया है वह इसके अंदर मुझे लिखित जानकारी दे दे मैं मुख्यमंत्री जी से मिलकर इस मामले में कार्रवाई करवाने का अनुरोध करूंगा l इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी भीम जी उपाध्याय आदि अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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