*राकेश कुमार, स्नेहलता रायपुरिया*
माधौगढ (जालौन) l भक्तों की तमन्नाओं को पूर्ण कर धन्य धान्य की कृपा पात्री नावली माता की श्री स्कंदमाता सिद्ध पीठ के रुप में पूजा अर्चना हो रही है । मातारानी के दरवार में कोई भी भक्त आया उसकी मुराद हर हाल में पूरी हुई है। मंदिर के महंत पं सोमकार पचौरी ने हमारे पत्रकारों को बताया कि नावली वाली मातारानी स्कंदमाता के रूप में धरती से ज्वाला की भांति निकली हुई थी! मातारानी के धरती से निकलने पर चहुओर भव्य और दिव्य प्रकाश हो गया था। इनका स्वरूप ज्वाला की भांति है। नगर कोट की ज्योति यहां पर प्रकाशमान है । जब मातारानी धरती से निकली तो चहुओर भव्य और दिव्य प्रकाश हो गया । मातारानी का दिव्य प्रकाश दूर दूर तक फैला हुआ है।
मातारानी ने प्लेग जैसी महामारी से किया निवारण
माधौगढ । एक समय ऐसा आया कि क्षेत्र ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी प्लेग की महामारी ने लोगों को त्रस्त कर दिया भक्तों में त्राहि-त्राहि मच गई । भक्तों की पीडा को हरने के लिए मातारानी ने महंत जी को सपना दिया कि पहूज नदी से जल लाकर मुझ पर चढाओ और मुझे नहलाओ तभी महंत जी ने पहूज नदी से जल लाकर मातारानी को समर्पित किया । तो प्लेग की महामारी की बीमारी से पीडितों को महंत द्वारा भभूती और पानी छिडकने भर से वह तुरंत ठीक हो गये मातारानी की कला से सभी खुश होकर जयजयकार करने लगे l
स्थान से अलग मंदिर की स्थापना पर नहीं गयीं मातारानी
माधौगढ । नावली वाली मातारानी जिस समय धरती से ज्वाला की भांति दिव्य प्रकाश के साथ निकलीं तो पूर्व से ही एक नीम का पेड और कुंआ था । जो कि आज भी जीता जागता प्रमाण है । पूर्व मातारानी का एक साधारण सा चबूतरा था । तो भक्तों ने सोचा कि अलग कहीं मातारानी के मंदिर को भव्य और दिव्य रूप से बनाया जाए थोडी ही दूरी पर मातारानी के नवीन मंदिर का निर्माण कार्य करवाया पर मातारानी नहीं गयीं तो सभी भक्तों ने मिलकर मातारानी का यथास्थान मंदिर का निर्माण कार्य करवाया तभी से मातारानी की यहीं पूजा अर्चना की जा रही है । वहीं भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण हो रही है ।
नवरात्रि के अलावा हर सोमवार को मातारानी के दरवार में लगता है मेला
माधौगढ । स्कंदमाता की बडी ही अलौकिक शक्ति है। मातारानी के दरवार में जो भी भक्त आया उसे मनोवांछित फल प्राप्त हुआ है। पुजारी पं गौरव कृष्ण शास्त्री ने बताया कि चैत्र नवरात्रि क्वार नवरात्रि पर मातारानी के दरवार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश तथा अन्य प्रदेशों और जनपदों के भक्त आकर दर्शन कर मातारानी से मनचाहा वरदान पाते हैं । वहीं भक्तों के द्वारा सप्तमी अष्टमीं और नवमीं पर श्रद्धा भाव के साथ जवारे चढाए जाते हैं। तो वहीं अनेकों भक्त मातारानी के दरबार में सांग भेदन के साथ दर्शन से लाभान्वित होते हैं । पुजारी ने बताया कि नवरात्र ही नहीं हर सोमवार को भी भक्तों के आवागमन से भारी मेले जैसा प्रतीत होता है।
मातारानी के दरवार कन्या वर की दिखाई के साथ होते रहते हैं अन्य अनुष्ठान
माधौगढ । स्कंदमाता मंदिर नावली में वर कन्या की दिखाई सगाई से लेकर फल दान लगुन विवाहों की भी रस्में पूर्ण हो रही है । वहीं भागवत महापुराण यज्ञ शतचंडी महायज्ञ नवचंडी यज्ञ आदि कार्यक्रम अनवरत मातारानी के दरवार में होते रहते हैं ।
स्कंदमाता इमरती और अनार को चढाने पर होती है विशेष प्रसन्न
माधौगढ । नावली वाली मातारानी को मिठाईयों में इमरती और फलों के भोग में अनार अति प्रिय है। जो भी भक्त मनसा कर्मणा वाचा के साथ मातारानी को भोग के रूप में इमरती और अनार चढाता है । मातारानी की कृपा उक्त भक्त पर असीम होती है। माताएं बहिनें और भक्तगण गण मातारानी के दरवार में अपने घर से ही पेड भरकर आते हैं। उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
मां के गर्भ ग्रह जल रही अखंड अलौकिक ज्योति
माधौगढ । स्कंदमाता जी के गर्भ ग्रह में करीब आधा सैकड़ा बर्षों से भव्य दिव्य और अलौकिक ज्योति जल रही है । मातारानी की दिव्य ज्योति अखंड जल रही है। जो कि भक्तों को प्रकाशमान और दिव्यमान बना रही है । वहीं मातारानी के बगल से अखंड ज्योति हमेशा जल रही है । जो कि भक्तों को ऊर्जा का संचार कर रही है । यही नहीं मातारानी से उनकी सवारी शेर हर दिन मिलने आता हैं। मातारानी की शेर पर भी बडी कृपा है ।
भगवान शिव जी के नंदी पूर्व मुखी हनुमान जी शेषनाग जी भी है मातारानी के परिसर में विराजमान
माधौगढ । स्कंदमाता जी के मंदिर परिसर में एक भगवान शिव शंकर नंदी के साथ विराजमान है जो कि भक्तों के रखवाले है। उनकी अनुकम्पा भक्तों पर हैं। पूर्व मुखी श्री हनुमान जी भी भक्तों के रक्षक बने हुए हैं । वहीं शेषनाग जी भी भक्तों की पीडा हरने में अग्रणी है।