कुठौन्द विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम टिकरी मुस्तिकल में खुली बैठक की मुनादी न कराकर सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा खुली बैठक कराई गई एक कोठरी में, करीब आधा दर्जन सदस्यों द्वारा बैठक का किया गया बहिष्कार*

Sep 9, 2024 - 19:28
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कुठौन्द विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम टिकरी मुस्तिकल में खुली बैठक की मुनादी न कराकर सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा खुली बैठक कराई गई एक कोठरी में, करीब आधा दर्जन सदस्यों द्वारा बैठक का किया गया बहिष्कार*
*नीतेश कुमार संवाददाता राकेश कुमार,,,,, उरई(जालौन)। सीडीओ के निर्देशानुसार जनपद के कुठौन्द विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम टिकरी मुस्तिकल में आज खुली बैठक में ग्राम सभा के आधा दर्जन से अधिक सदस्यों व एक बीडीसी सदस्य द्वारा खुली बैठक का विरोध किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान द्वारा शासन की सभी जनहितकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने कार्य नहीं किया जा रहा है। उपरोक्त संबंध में विरोध कर रहे सभी सदस्यों द्वारा बताया गया कि ग्राम प्रधान द्वारा एक पत्रकार वार्ता में बताया गया है कि उपरोक्त ग्राम प्रधान द्वारा चुनाव जीतने के बाद उसी के बाद हम लोगों को भी शपथ दिलाई गई थी तब से करीब साढ़े तीन साल हो चुके हैं। प्रधान द्वारा हम लोगों को न ही किसी भी बैठक में बुलाया गया है और न ही ग्राम के विकास संबंधी कार्यों हेतु होने वाले प्रस्तावों पर कभी भी चर्चा की गई।न ही कोई मेरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा आपसी सहमति बना कर ग्राम विकास योजना में आते धन का बंदरबांट कर लिया गया है।पूरे एक या दो गलियों में कार्य कराये गये हैं।शेष पूरे गांव में आवागमन वाली गलियों में दल-दल भरा हुआ है। गांव में सफाई कर्मचारियों द्वारा नालियों की भी कभी सफाई होती है। उसी गांव निवासी अशोक सिंह ठाकुर ने आज खुली बैठक में सचिव व ग्राम प्रधान से कहा गया कि मेरे मकान के पास एक सरकारी हैंडपंप लगा था जो पूर्व प्रधान द्वारा लगवाया गया था। कुछ दिनों से वह ख़राब हो गया था।जिसे ठीक कराने हेतु प्रधान से कहा तो उपरोक्त प्रधान द्वारा कहा गया कि आपका हैण्डपंप का रीबोर होना है। इसके बाद ग्राम प्रधान मेरे पास का हैण्ड पम्प उखड़वा ले गए। उनके द्वारा अभी तक न ही कोई भी हैण्ड पम्प लगवाया गया है। हमारे मुहल्ले के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। इसपर सचिव व ग्राम प्रधान ने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं एक अल्प संख्यक महिला द्वारा भी बताया गया कि उनके दरबाजे पर लगा हैण्ड पम्प काफी समय से खराब चल रहा।जब प्रधान से ठीक कराने हेतु कहा गया तो प्रधान जी ने कहा कि मैं उसे ठीक नहीं करवा पाऊंगा। जिससे वह गरीब महिला का परिवार बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा है। आज खुली बैठक के संबंध में ग्राम वासियों द्वारा आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान व सचिव की मिली भगत से गांव में खुली बैठक स्कूल के कैम्पस में बने एक कमरे में अन्दर कराई गई। जबकि खुली बैठक खुले मैदान में होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि उस कमरे के अंदर प्रधान ने अपने पक्ष के लोगों को पहले से ही बुला कर बिठा लिया गया था।इसी का गांव के लोगों ने विरोध करते हुए कहा गया कि ग्राम प्रधान द्वारा न ही कोई मुनादी कराई गई और न ही सभी गांव वालों को कोई सूचना दी गई। जबकि इस संबंध ग्राम प्रधान से एक पत्रकार द्वारा पूंछा गया तो प्रधान जी कहने लगे कि मैंने अपने गांव के सदस्यों के घर जा-जाकर बैठक की सूचना दी थी। फिर भी कुछ सदस्यों को छोड़ कर आधा दर्जन से अधिक सदस्यों द्वारा बैठक में भाग नहीं लिया गया। पूर गांव में करीब 13 सदस्य चुने गए थे।क्योंकि वह प्रधान जी की क्रिया कलापों से नाराज चल रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा यहां तक कहा गया कि ग्राम प्रधान की पूर्व की हैंसियत और आज की हैंसियत की जांच करा ली जाए।तो शासन व प्रशासन को समझ में आ जायेगा कि वर्तमान में ग्राम का विकास हुआ है या ग्राम प्रधान का विकास हुआ है। ग्राम पंचायत के शुलभ शौचालयों में भी अन्दर गंदगी व्याप्त है। उसकी भी सफाई नहीं करवाई जाती है।पूरे गांव में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।

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