नीतेश कुमार संवाददाता राकेश कुमार,,,,,,,,,,,
उरई (जालौन)। कस्बा जालौन निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देते उसने पी.एल कमला मेमोरियल हास्पिटल उरई के संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग उठाई है। कस्बा जालौन के मुहल्ला चिमनदुवे निवासी शोएब सिद्दीकी पुत्र अब्दुल अहमद ने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसकी पत्नी की प्रसव को करवाने के लिए उरई के पीएल कमला मोरियल पीड़ा होने पर प्रार्थी हास्पिटल ले गया जहां पर मिले व्यक्ति ने अपना नाम नफीस बताया और यह भी कहा कि इस हास्पिटल का संचालन करने के साथ साथ वह डाक्टर भी है। उसने बताया कि उक्त व्यक्ति ने प्रार्थी की पत्नी को देखा और कहा कि प्रसव उचित तरीके से हो जायेगा तथा उक्त नफीस खान अपने स्टाफ के माध्यम से उसकी पत्नी को ओटी में ले गया। इसके कुछ देर बाद प्रार्थी से कहा कि तुम्हारी पत्नी का सिजेरियन आपरेशन होना है जो मैं विशेषज्ञ डाक्टर से ही करवाऊंगा तथा प्रार्थी इस बात पर सहमत हो गया और नफीस ने उससे फीस के रुप में मोटी रकम जमा करा ली। बताया कि कुछ समय बाद करीब रात्रि 12 बजे उसने आकर बताया कि उसकी पत्नी को पुत्री हुई है और टांके भी लग चुके मरीज को दर्द बन्द होने की काफी तगड़ी दवा दे दी है सब कुछ सामान्य रुप से है। पीड़ित ने बताया कि इसके बाद उसकी पत्नी को जोरदार दर्द शुरु हो गया जो सारी रात और सारे दिन जारी रहा। इस दौरान नफीस ने कई दर्द के इंजेक्सन दिये और उसी दौरान प्रार्थी की पत्नी की सीबीसी कराई तो जांच में उसको मात्र 6 प्वाइंट ब्लड रह गया। जबकि उसने बताया कि डिलेवरी के समय 13 प्वाइंट ब्लड था। उसने बताया कि उसकी पत्नी का दर्द बन्द नहीं हो सका तब प्रार्थी ने उक्त नफीस खान से कहा तो वह कहने लगा कि इलाज में कुछ कमी रह गयी है तथा केस बिगड़ गया है और अब मेरे बस में नहीं है। मरीज की हालत काफी गंभीर हो गयी है। उक्त नफीस ने रात्रि करीब 9 बजे उसकी पत्नी को हास्पिटल झांसी के लिए रिफर कर दिया तथा इसी बीच प्रार्थी ने हास्पिटल में जानकारी की तो पता चला किसकी पत्नी का आपरेशन
किसी सर्जन द्वारा नही करवाया गया बल्कि उक्त नफीस खान ने स्वयं अपने अयोग्य स्टाफ के सहयोग से किया तथा यह भी जानकारी हुई कि नफीस खान के पास डाक्टरी की कोई डिग्री तक नही है लेकिन वह लोगों के साथ छल करके गैरकानूनी तरीके से खुद को डाक्टर होना प्रदर्शित करता है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह अपनी पत्नी अजरा सिद्दीकी को झांसी में सरोज हास्पिटल ले गया जहां स्टाफ द्वारा रात्रि के 10 बजे पहुंचने के बाद भी रात भर तथा दिन के 2 बजे तक कोई भी डाक्टर चैकअप करने नही आया और कम्पाउण्डर व नर्से ही चैकअप करती रही और उसकी कई जांचे करायी लेकिन उसकी पत्नी की हालत में संतोषजनक सुधार नहीं हुआ। इसके बाद प्रार्थी अपनी पत्नी को साईकृपा हास्पिटल ले गया और वहां भर्ती कराया तथा मां विंध्यवासिनी पैथालॉजी पर उसकी कई जांचें करायी गयी और वहां पर डा. राजबपूत लेप्रोस्कोपी सेन्टर के डांक्टर सत्येन्द्र राजपूत ने टांके काटकर पुनः उसकी पत्नी का आपरेशन किया। पीड़ित ने बताया कि अन्दर की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि बच्चादानी बुरी तरह से गलने लगी थी तथा आपरेशन के जरिये उसको निकालने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। बताया कि दोबारा आपरेशन के बाद उसकी पत्नी की जान तो बच गयी लेकिन उसकी पत्नी 24 वर्ष की आयु में ही दूसरी संतान उत्पन्न करने के अयोग्य हो गयी है। उसने जिसका एक मात्र जिम्मेदार नफीस खान को बताया तथा उसने यह भी कहा कि यदि नफीस खान द्वारा उसकी पत्नी के जीवन से खिलवाड़ न करते हुए उसका उचित उपचार किया होता तो उसकी हालत सामान्य रहती। नफीस पर गैर इरादतन हत्या करने का पूर्ण प्रयास करने का आरोप लगाते उसके विरुद्ध दण्डात्मक कानूनी कार्रवाई करते हुए पीएल कमला मेमोरियल हास्पिटल को सील कराये जाने की गुहार लगाई है।