*डीएम द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकाधिक वर्षा जल का संचयन के लिए कैच दे रैन अभियान की समीक्षा बैठक कर संबंधित अधिकारियों को दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश*
राकेश कुमार, सम्पादक-सतेन्द्र सिंह राजावत, उरई(जालौन)। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने अधिकाधिक वर्षा जल संचयन के लिए मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रदेश में चल रहा 'कैच द रेन' अभियान की कल देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान के केंद्रीय मध्यवर्तनों में जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, सभी जल निकायों की गणना, भू- टैगिंग एवं सूची तैयार करना, जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजना बनाना, जनपद में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना करना व सघन वनीकरण और जागरूकता सर्जन शामिल है।अभियान इस वर्ष अपने पांचवें चरण में पहुंच चुका है। इसके अंतर्गत पारंपरिक जल निकायों, जलस्रोतों का नवीनीकरण और पुनः उपयोग, बोरवेल पुनर्भरण, वाटरशेड का विकास, गहन वनारोपण, छोटी नदियों के कायाकल्प के साथ ही 'नारी शक्ति से जल शक्ति' के थीम पर जन जागरुकता कार्यक्रम,जनपद की हाइड्रो जियोलॉजिकल परिस्थिति के अनुसार जल संचयन संबंधी अन्य कार्यों को प्राथमिकता से कराया। इसके अलावा सभी शासकीय, अर्धशासकीय भवनों पर अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी अमृत सरोवरों के जल प्रभाव में रुकावट को ठीक किया जाए। 'कैच द रेन अभियान 2024' केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसके अंतर्गत मानसून के प्रारंभ से पहले प्राथमिकता के आधार पर जल स्रोतों यथा तालाब, कृत्रिम पुनर्भरण संरचना, छोटी नदियां, चेकडैम, जल निकाय के डिसिल्टिंग और पुनरुद्धार के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं, जिससे कि वर्षा ऋतु में अधिकाधिक वर्षा जल का संचयन करते हुए जल शक्ति अभियान को सार्थकता प्रदान की जाए। इस बात के भी निर्देश हैं कि सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय भवनों यथा कार्यालय भवन, प्राथमिक विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन आदि पर अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना सुनिश्चित करा ली जाए। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में आने वाले समस्त पार्क और सार्वजनिक स्थलों में वर्षा जल संचयन के प्रभावी उपाय किये जाएं। इसके अलावा 'कैच द रेन 2024' विषय पर जन जागरुकता के लिए स्कूली बच्चों एवं समाज में विशेष अभियान, रैलियां, गोष्ठियां, वार्ता आदि का भी आयोजन कराया जाए, जिससे जल संरक्षण एक जन आंदोलन का रूप ले सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शिवाकांत द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी प्रदीप कुमार, सहायक अभियंता लघु सिंचाई एकता त्रिपाठी, कृषि उपनिदेशक एसके उत्तम आदि सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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