राकेश कुमार,स्नेहलता रायपुरिया,
उरई(जालौन)-इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने अपने पसंद के प्रत्याशी और पार्टी को वोट तो कर दिया लेकिन वोट किसे दिया यह बताने से अभी भी हिचक रहा है हालांकि हार जीत की चर्चाएं हर एक चौराहा और दुकानों पर चल रही है किस जाति का वोट किसे गया इस पर भी चर्चा जोरों पर है हार जीत पर शर्ते भी लग रही है हालांकि किसी दल के समर्थक लंबी जीत का दावा नही कर पा रहे है अधिकतर लोग चुनाव को कांटे का मानकर चल रहे है।
लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को हुए मतदान में मुकाबला दो दलों भाजपा और सपा के बीच होता दिखाई दिया हालांकि शुरू से ही कयास लगाए जा रहे थी कि मुकाबला त्रिकोणीय होगा लेकिन मतदान के दौरान बसपा का प्रत्याशी पिछड़ता हुआ दिखाई दिया अब आम जनता भी मान रही की मुकाबला भाजपा के भानु प्रताप वर्मा और सपा के नारायण दास अहिरवार के बीच है हार जीत का अंतर भी अधिक नही रहने वाला इस चुनाव में बसपा की ओर से सुरेश चंद्र गौतम चुनाव लड़ रहे है उनके पक्ष में वोट तो गिरे है लेकिन जगह जगह हो रही चुनावी चर्चा में लोग बसपा के कोर का झुकाव सपा की ओर हो जाना कह रहे है नगर के मुख्य बाजार में कपड़े के दुकानदार हनुमन्त कुशवाहा की दुकान पर सुबह से ही कई लोग विभिन्न दलों के समर्थक बैठे रहे चूँकि हनुमन्त ग्राम चमेड़ के प्रधान भी है राजनीति का ज्ञान भी रखते है उनका कहना है कि चुनाव में कुछ भी हो सकता है मुकाबला बहुत करीब का है जातियां भी हाबी रही है वही राकेश अग्रबाल ने कहा कि कुछ दलित वोट जो बसपा का समझा जाता था उसको सपा की ओर ट्रांसफर होने से मुकाबला रोचक हो गया हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है यह तो 4 जून को ही पता चल पाएगा वही साहित्यकार हसरत कोंचवी की मानना है कि यह सब कयास है कोई भी हार जीत का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है मतदाता अभी भी खामोश है की बसपा का वोट प्रतिशत घट जाएगा वही सपा के नगर अध्यक्ष अमित यादव दाबा कर रहे है की उनकी पार्टी को हरवर्ग का समर्थन मिला है इस बार बदलाव होकर रहेगा चर्चा में दिनेश मानव भगवान दास वर्मा भाष्कर माणिक अरुण सोनी भी आकर जुट गए और अपने अपने दावे प्रस्तुत करने लगे।