सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई(जालौन) जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने राजकीय इंटर कॉलेज में नव प्रवर्तन जन जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के नव प्रवर्तकों हेतु जिला स्तरीय नव प्रवर्तन प्रदर्शनीय का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया साथ ही छात्र-छात्राओं व किसानों द्वारा लगाई गई स्टॉल का अवलोकन किया।
जिलाधिकारी ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं व किसानों द्वारा यंत्र बनाए गए हैं वह बहुत ही सराहनी है। उन्होंने कहा कि नई-नई खोज कर अच्छे उपकरण नई टेक्नोलॉजी की मशीन बनाएं कुछ नया करना ही विज्ञान है। उन्होंने कहा कि अधिकांश नव प्रवर्तन भाव एवं विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए अथवा अपने काम को किसी समय सरल तरीके से करने के लिए कोई नवीनतम आविष्कार को जन्म देते हैं यह अन्वेषण ही नव प्रवर्तन कहलाता है। अधिकतर नव प्रवर्तक किसान, मैकेनिक, मजदूर या शिल्पकार होते हैं तकनीकी खोजने को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित ऐसे कार्यक्रम से निश्चित ही नव प्रवर्तकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा एवं इनमें नई तकनीक के प्रति रूझान बढ़ेगा। जनपद जालौन के असंगठित क्षेत्र के किसान, शिल्पकार, कारीगर मजदूर व मिस्त्री ऐसे जन सामान्य व्यक्ति जिन्होंने कोई प्रोफेशनल डिग्री प्राप्त नहीं है उन्होंने नवाचार किया वैज्ञानिक पद्धति आधारित प्रयोग सरल उपकरण तैयार किये है जिनका पेटेंट भी उसी व्यक्ति के नाम से किया जा सके। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच रखते हुए बाहर का सोचे नए उत्पाद बनाएं एवं उदाहरण देते हुए कहा कि एक बच्ची खिड़की के बाहर झांकते हुए मां से प्रश्न पूछा बाहर क्या है जब बच्चा प्रश्न पूछता है क्या कैसे कौन तो दार्शनिक विचार ही वैज्ञानिक बनाता है। मानव विचार करता तर्क करता है, सोचने की क्षमता तक परीक्षण करते हैं, कोई मन सीधा स्वीकार न करना महात्मा गांधी का कहना है कि अंतिम व्यक्ति को देखा कि सोचिए बच्चों ने महिला सुरक्षा के करंट लगने वाले चप्पल बनाई, फिजिक्स समाप्त होता है मेरा फिजिक्स शुरू होता है। नव परिवर्तन प्रदर्शनी में जनपद के असंगठित क्षेत्र के विज्ञान शिल्पकार किसान मजदूर कारीगर मिस्त्री ऐसे जन सामान्य व्यक्ति जिन्होंने कोई प्रोफेशनल डिग्री प्राप्त नहीं कि उन्होंन नवप्रवर्तको नवाचार के साथ प्रतिभा की जिसमें प्रथम स्थान राजेंद्र पांचाल ने सेंसर युक्त चारा काटने की मशीन को 8000 रूपए द्वितीय रामनरेश सिंह ने बेस्ट मटेरियल से निराई गुड़ाई मशीन को 5000 रुपए तथा तृतीय स्थान सिद्धांत प्रजापति और सौर ट्रैकर 3000 एवं नवप्रवर्तको को 2000 रुपए 2000 के 5 सांत्वना पुरस्कार जिलाधिकारी द्वारा प्रदान किए। गए नगर मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने कहा कि जुगाड़ टेक्नोलॉजी भारतीय परिप्रेक्ष्य में नव नवप्रवर्तको का मुख्य सूत्रधार है। वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान एक ग्रामीण व कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले ऐसे शांत प्रिय देश की है जो वैज्ञानिक निरंतरता के साथ पारस्परिक ज्ञान व स्वदेशी तकनीक से बड़ी-बड़ी समस्याओं के हल निकालने में सुसज्जित हैं शुविख्यात हैं। एसडीएम उरई आरती साहू ने आम भाषा में अक्सर लोग कहते मिल जाएंगे कि भारत में जुगाड़ बहुत प्रचलित है यह शब्द जुगाड़ कई मायने में यहां की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा भी है परंतु ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस शब्द का सकारात्मक पक्ष का दमन अधिक हुआ है और कुछ मायने में इस शब्द को बेवजह मानकर नकारात्मक पक्ष में लाकर खड़ा कर दिया है।
कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार गुप्ता जिला समन्वयक जिला विज्ञान क्लब उरई ने किया। जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार पंडित ने किया कार्यक्रम में जनपद के 51 नवप्रवर्तको ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया व कार्यक्रम में 300 नवप्रवर्तको व जन सामान्य ने प्रतिभा किया।