जालौन। बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं। ताकि समाज तरक्की कर सके। यह बात पैगाम ए इंसानियत मंच (गैर राजनैतिक) की बैठक में ऐनुल मंसूरी ने कही।
पैगाम ए इंसानियत मंच की बैठक छत्रसाल ग्राउंड स्थित काले बाबा मजार के पास आयोजित हुई। बैठक में मुस्लिम समाज की बेहतरी पर चर्चा की गई। जिसमें बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दिया गया। बैठक में उपस्थित ऐनुल मंसूरी ने कहा कि कोई भी समाज तभी तरक्की कर सकता है जबकि उसका हर एक व्यक्ति शिक्षित हो। क्योंकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही अच्छाई और बुराई का फर्क समझ में आता है। मौलाना सुल्तान अहमद ने कहा कि बच्चों को यह नहीं कि प्राइमरी, हाईस्कूल या इंटरमीडिएट तक की शिक्षा दिलाएं बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा भी दिलाएं। आजकल तमाम कारोबार ऐसे हैं जिनके डिप्लोमा आदि कर अपना करियर बनाया जा सकता है। सफीकुर्राहमान ने कहा कि मुस्लिम समाज को चाहिए कि वह फिजूल की बातों में न पड़े। बल्कि मुल्क की तरक्की में अपना योगदान दें। यह तभी संभव होगा जब सभी लोग अपने कारोबार से लगे हों और फिजूल बातों से दूर रहें। शिक्षा का मतलब सिर्फ नौकरी करना ही नहीं है। यदि बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, पीसीएस बनता है तो अच्छा है। इसके अलावा भी कई सारे कामों के दरवाजे तभी खुलते हैं जब आप शिक्षित हों। इसलिए सभी लोग यह वादा करें कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में किसी भी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। भले ही घर में आमदनी कम हो तो अन्य खर्चों में कटौती कर लें लेकिन शिक्षा दिलाने में किसी भी तरह की कंजूसी नहीं करेंगे। कार्यक्रम का संचालन महबूब मंसूरी ने किया। इस मौके पर अध्यक्ष छिद्दी राइन, रीना देवी ऐनुल मंसूरी, रेहान सिद्दीकी, सलीम, अहमद मंसूरी, अशफ़ाक़ राईन, महबूब, नफीस मेम्बर, अशफ़ाक़ राईन, अय्यूब कुरैशी, इरशाद अंसारी, अब्दुल कय्यूम, जाकिर सिद्दीकी, इकबाल मंसूरी, राशिद खनुआ, राज मंसूरी, अनीस मंसूरी, मौलाना सुल्तान, सफीकुर्राहमान आदि मौजूद रहे।