जालौन। श्रीचित्रगुप्त समिति के तत्वावधान में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का 140वां जन्मदिन दीपक श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मनाया गया। वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला और उनके विचारों को अंगीकार करने की आवश्यकता बताई।
समिति के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म तीन दिसम्बर 1884 सीवान बिहार में हुआ था। वह भारत के प्रथम राष्ट्रपति तो थे ही साथ ही महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे। वह भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने भारत के पहले मंत्रिमंडल में 1946 एवं 1947 मेें कृषि और खाद्यमंत्री का दायित्व भी निभाया था। सम्मान से उन्हें प्रायः ‘राजेन्द्र बाबू’ कहकर पुकारा जाता है। इसके साथ वह सबसे लंबे समय तक देश के राष्ट्रपति रहे और उन्होंने वकील, पत्रकार व राजनीति के क्षेत्र में भी देश की सेवा की। सोमेंद्र ने कहा कि भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने भारतीय राजनीति के साथ स्वतंत्रता आन्दोलन, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में अपना योगदान दिया। उनके विचार आज भी अनुकरणीय व प्रासंगिक है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा की। इस मौके पर दिलीप श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, अरविन्द श्रीवास्तव, श्रवण कुमार, सुनील, शैलेंद्र, सतीश, शिवेंद्र, अनुराग, मोनू, राहुल, सोमेंद्र, अंकुर आदि मौजूद रहे।