उ.प्र.गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्य मंत्री द्वारा मेडिकल कॉलेज में निर्माणाधीन 50 शैय्या क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लाक का निरीक्षण कर गुणवत्ता हेतु संबंधित अधिकारियों को दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश

Nov 26, 2024 - 18:40
Nov 26, 2024 - 18:55
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उ.प्र.गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्य मंत्री द्वारा मेडिकल कॉलेज में निर्माणाधीन 50 शैय्या क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लाक का निरीक्षण कर गुणवत्ता हेतु संबंधित अधिकारियों को दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश

उरई(जालौन)।उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्य मंत्री श्री संजय सिंह गंगवार ने आज जनपद जालौन के राजकीय मेडिकल कॉलेज में निर्माणाधीन 50 शैय्या क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लॉक का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ-साथ समय पर पूरा करने की हिदायत दी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि यह ब्लॉक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा, इसलिए इसे ससमय और मानकों के अनुरूप पूरा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी कार्यदायी संस्था या ठेकेदार ने मानक विहीन निर्माण किया तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों का श्रम पंजीयन होना अनिवार्य है, और मजदूरों के पास हेलमेट आदि स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध रहे। राजकीय मेडिकल कॉलेज के इस नए 50 शैय्या क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लॉक का निर्माण जी+2 मंजिला हो रहा है। इसमें भूतल पर कुल 8 बेड्स की व्यवस्था की गई है, जिसमें आइसोलेशन रूम (02 बेड्स), इमरजेंसी (04 बेड्स) और मेटरनिटी (02 बेड्स) शामिल हैं। प्रथम तल पर 26 बेड्स का प्रावधान किया गया है, जिसमें आइसोलेशन वार्ड (24 बेड्स) और डायलिसिस (02 बेड्स) की व्यवस्था होगी। द्वितीय तल पर आईसीयू/एचडीयू के लिए 16 बेड्स का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 2 पीडियाट्रिक बेड भी होंगे। इस परियोजना में अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है, जैसे कि वेट राइजर, स्प्रिंकलर सिस्टम, फायर अलार्म सिस्टम, और बाहरी विकास कार्य जैसे यूजी टैंक, आरसीसी रोड, स्टॉर्म वाटर ड्रेन, बाह्य सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक और रेन वाटर हार्वेस्टिंग। इन सभी सुविधाओं को स्थापित करने का उद्देश्य न केवल अस्पताल की कार्यप्रणाली को सुगम बनाना है, बल्कि आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी तैयार रहना है। उन्होंने इस परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी परिस्थिति में काम की गुणवत्ता से समझौता न हो। उन्होंने निर्माण कार्य में पूरी पारदर्शिता बरतने और सभी मानकों का पालन करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मेडिकल कॉलेज परिसर में एक हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया, ताकि आम नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस डेस्क पर संबंधित अधिकारियों और चिकित्सकों के नंबर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आपातकालीन नंबरों को सभी तहसील, विकासखंड, थानों और सार्वजनिक स्थानों पर डिस्प्ले किया जाए, जिससे लोगों को आसानी से मदद मिल सके और वे भटकने न जाएं। इस अवसर पर मा० जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी, मा० विधायक सदर गौरीशंकर वर्मा, मा० विधायक माधौगढ़ मूलचंद्र निरंजन, मा० जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद चौहान, जालौन ब्लॉक प्रमुख, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास, जिला विकास अधिकारी महेंद्र चौबे, परियोजना निदेशक अखिलेश तिवारी, राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरविंद त्रिवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र देव शर्मा, निर्माण इकाई-12, झॉसी के परियोजना प्रबन्धक इं० शैलेष कुमार सिंह, सहायक परियोजना प्रबन्धक इं० मनीष वर्मा एवं अवर अभियन्ता शिंका द्विवेदी उपस्थित रहें।

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