घिरौली में श्रीवास्तव पत्रकारों के नाम पर पट्टा धारको को लगा रहा बट्टा
श्रीवास्तव द्वारा दी जा रही खबरें प्रकाशित करने की प्रेरणा से घाट पर हो सकता विभागीय विस्फोटक
सत्येन्द्र सिंह राजावत उरई(जालौन)। जालौन और हमीरपुर के बीच फसे घिरौली 26/6 की हकीकत तो यह है कि अगर सही से मौके पर जांच की जय तो आधे से ज्यादा मौरम जालौन की सीमा से खुदी हुई मिलेगी क्योकि इस घाट का नक्सा हर पट्टे धारक के समय मे बदल जाता है । चूकि अधिकारियों की व्यस्तता के चलते इस पर कोई ध्यान नही दिया जाता। लेकिन अगर सही से जाँच हो गई तो कार्यवाही होना निष्चित है । क्योंकि इस घाट की शिकायत कई बार ग्रामीण भी कर चुके और उन्होंने यह भी बताया की इन घाट वालो ने हमारी फसल भी उजाड़ दी जबकि हमारी फसल जालौन की सीमा में होती है और हमारे पुरखे सदियो से इस जगह पर फसल करते आ रहे है । लेकिन श्रीवास्तव की हठ धर्माता के चलते पट्टा धारक को बट्टा लग सकता है। और कार्यवाही भी हो सकती है।क्योंकि श्रीवास्तव का कहना है खबरें रोज लगाओ हमे कोई फर्क नही पड़ता जबकि पट्टा धारक को फर्क पड़ता है तभी तो पट्टा धारक लखनऊ से लेकर पट्टे तक के सारे छोटे बड़े मैनेजमेंट करता है। लेकिन हकीकत में श्रीवास्तव को कार्यवाही का डर या पट्टे से लगाव होता तो ये इस तरह से खबरें प्रशरित करने की प्रेरणा देकर अपनी कमिया जग जाहिर ना करवाते । क्योकी पहले श्रीवास्तव की प्रेरणा से प्रकाशित की गई खबरों से प्रशासनिक सुगबुगाहट शुरू हो गई है । यहाँ तक कि जिले के अधिकारियों ने अपने सूत्रों से इस घाट की जानकारी भी लेना शुरू कर दी है। और अगर ये कहानी आगे बढ़ी तो किसी भी समय पट्टा धारक पर जाँच की तलवार लटक सकती है। लेकिन किसी भी जांच में पट्टा धारक को कितनी परेशनियों का सामना करना पड़ता है यह बात श्रीवास्तव क्या जानें।
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