जालौन। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आवाहन पर अधिवक्ताओं ने एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2025 के संपूर्ण संसोधनों को निरस्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है।
बुंदेलखंड एडवोकेट बार एसोसिएशन मुंसिफ कोर्ट जालौन अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार लिटौरिया व सचिव ओमकार दीक्षित के नेतृत्व में अधिवक्तागण मुंसिफ कोर्ट से तहसील परिसर में पहुंचे। जहां अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट में होने वाले संशोधन का विरोध किया। अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम विनय मौर्य को सौंपते हुए मांग की कि अधिवक्ता और उनके परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रावधान किया जाए। परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किया जाए और लोकतांत्रिक स्वरूप को यथावत रखा जाए। अधिवक्ताओं के लिए 10 लाख का मेडिकल क्लेम और मृत्यु होने पर 10 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाए। इसके अलावा पंजीकरण के समय ली जाने वाली 500 रुपये की स्टांप राशि प्रादेशिक परिषदों को वापस की जाए। विधिक स्टांप की बिक्री से प्राप्त धनराशि का दो प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाए। इसके अलावा एडवोकेट्य अमेंडमेंट बिल 2025 को पूरे संसोधनों को भी निरस्त किए जाने की मांग की गई। साथ ही कहा यदि मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अधिवक्तागण आगे की रणनीति बनाने को बाध्य होंगे। इस मौके पर अधिवक्ता नौशाद खान, मनोज कुमार गुप्ता, श्याम बाबू, विजयकृष्ण सक्सेना, जंगबहादुर सिंह सेंगर, राघवेंद्र मांेहन चतुर्वेदी, गोल्डी अवस्थी, जेपी श्रीवास्तव, धर्मेंद्र द्विवेदी, शैलेंद्र श्रीवास्तव, मिथलेश ओझा, बृजमोहन कुशवाहा, साहुल त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।