जालौन। प्रशासन के महाकुभ में व्यस्त होने के चलते नगर में गोमांस और गोमांस से बने खाद्य पदार्थों की बिक्री शुरू होने का आरोप हिंदू संगठनों ने लगाया है। हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर इसकी बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। जिससे नगर का माहौल शांतिपूर्ण बना रहे।
हिंदू युवा वाहिनी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष राजासिंह सेंगर गधेला, गौसंदा संरक्षण शोध संस्थान के संस्थापक अनिल शिवहरे आदि ने नगर में गोमांस व गोमांस से बने खाद्य पदार्थों की बिक्री होने का आरोप लगाते हुए एसडीएम विनय मौर्य को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि नगर में एक भी पशुवधशाला नहीं है और न ही कोई लाइसेंस धारक है। इसके बाद भी बड़़े पशुओं के मांस की लगातार बिक्री हो रही है। आरोप लगाया कि नगर में बड़े पशुओं के मांस के नाम पर गोमांस और गोमांस से बने खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही है। जिससे हिंदू समाज के लोगों में रोष पनप रहा है। इस संदर्भ में तत्कालीन एसडीएम सना अख्तर ने टीम बनाकर चैकिंग कराई थी। लेकिन टीम ने होटलों में मिले मांस को बिना किसी लैब में भेजे ही चिकिन और मटन बता दिया। इसके बाद जब उन्होंने इसकी पुनः शिकायत की तो नगर में मांस की बिक्री बंद कराई गई। इसके बाद तत्कालीन एसडीएम सुरेश कुमार व अतुल कुमार द्वारा भी जांच कराए जाने का आश्वासन दिया गया और मांस की बिक्री बंद कर दी गई थी। लेकिन महाकुंभ में प्रशासन की व्यस्तता के चलते एक बार फिर से नगर में गोमांस की बिक्री होने लगी है। उन्होंने नगर में हो रहे गोमांस व गोमांस से बने खाद्य पदार्थों की बिक्री बंद कराने की मांग की है। ताकि नगर में अमन, चैन और शांति व्यवस्था बनी रहे।