जालौन। भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। यह बात कथा वाचक पंडित शिवम ने श्रीराम जानकी मंदिर में आयोजित भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कही। इस मौके पर बाल लीलाओं की मनोहारी झांकी भी प्रस्तुत की गयी।
ग्राम खनुआं में स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा की अमृत वर्षा करते हुए पंडित शिवम नगायच ने कहा कि भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो, तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह रुक्मिणी के साथ हुआ था। कृष्ण भगवान ने रुक्मिणी का हरण करके उनसे विवाह किया था। उन्होंने कहा कि रुक्मिणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती। जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वतः ही प्राप्त हो जाती है।इस मौके पर पारीक्षत मंदिर के पुजारी राजकिशोर गोस्वामी, सुधा देवी, सिप्पू दुहौलिरा, कमलाकांत तिवारी, प्रदीप तिवारी, सोनू पटेल, राजबहादुर कुशवाहा, मनु गोसि, नवनीत उदैनियां, राधारमण दुबे, आशुतोष, चर्न्दभान, दीपू, आरती, कंचन, रूद्र आदि भक्त मौजूद रहे।