जालौन। बार काउंसलिंग के आवाहन पर मंगलवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। इस दौरान अधिवक्ता उपनिबंधक कार्यालय पहुंचे। जहां कोई दस्तावेज पंजीकृत नहीं हो सका।
बुंदेलखंड एडवोकेट बार एसोसिएशन मुंसिफ कोर्ट जालौन अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार लिटौरिया व सचिव ओमकार दीक्षित के नेतृत्व में अधिवक्तागण मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ता लौना रोड स्थित उपनिबंधक कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कार्यालय का शांतिपूर्ण ढंग से घेराव किया। इस दौरान कोई भी दस्तावेज पंजीकृत नहीं हो सका। अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट में होने वाले संशोधन का विरोध किया। उन्होंने मांग की कि अधिवक्ता और उनके परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रावधान किया जाए। परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किया जाए और लोकतांत्रिक स्वरूप को यथावत रखा जाए। अधिवक्ताओं के लिए 10 लाख का मेडिकल क्लेम और मृत्यु होने पर 10 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाए। इसके अलावा पंजीकरण के समय ली जाने वाली 500 रुपये की स्टांप राशि प्रादेशिक परिषदों को वापस की जाए। विधिक स्टांप की बिक्री से प्राप्त धनराशि का दो प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाए। इसके अलावा एडवोकेट्य अमेंडमेंट बिल 2025 को पूरे संसोधनों को भी निरस्त किए जाने की मांग की गई। साथ ही कहा यदि मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अधिवक्तागण आगे की रणनीति बनाने को बाध्य होंगे। इस मौके पर अधिवक्ता उमेश दीक्षित, गोल्डी अवस्थी, धर्मेंद्र द्विवेदी, शैलेंद्र श्रीवास्तव, बृजमोहन कुशवाहा, साहुल त्रिपाठी, नौशाद खान, परवेज खान, मनोज गुप्ता, देवेश मिश्रा, राजेश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।