जालौन। नगर के एक मात्र सरस्वती मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास पंडित जगमोहन त्रिपाठी ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रासलीला का वर्णन किया।
नगर के सरस्वती माता मंदिर पर आयोजित भागवत कथा के छठे दिन पंडित जगमोहन त्रिपाठी ने बताया कि रास तो जीव के शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा। रासलीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है। गोपी गीत पर बोलते हुए व्यास ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है, भगवान उससे दूर हो जाता है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। कहा कि यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नहीं तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है। इस मौके पर पुजारी हृदेश नारायण मिश्रा, पारीक्षित अनिल तिवारी, शीतला तिवारी, डॉ. वेद प्रकाश शर्मा, बाबूजी गुर्जर, डॉ बृजेश उपाध्याय, सुशील बाजपेई, निशा माहेश्वरी, महावीर सिंह, राजेश वर्मा, मुन्ना सेंगर, अंजू मिश्रा, रिंकू गुप्ता, विनय तिवारी, बिटोली, अरविंदी, शिवकुमारी, प्रदीप तिवारी, रेखा, प्रेमलता आदि मौजूद रहे।