मानव जीवन में भोजन व वस्त्र के समान सत्संग की आवश्यकता

Feb 6, 2025 - 08:35
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मानव जीवन में भोजन व वस्त्र के समान सत्संग की आवश्यकता
जालौन। मानव जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन व वस्त्र की है, उतनी ही आवश्यकता सत्संग की भी है। सत्संग से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। इसलिए जहां भी सत्संग होता मिले उसमें अवश्य ही बैठें। यह बात पं. हरप्रसाद अडजरिया ने श्री वीर हनुमान बालाजी हनुमान मंदिर पर आयोजित नव कुंडीय श्रीसीतराम महायज्ञ व श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कही। उरई रोड स्थित श्रीवीर बालाजी हनुमान मंदिर पर आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ व नवकुंडीय श्रीसीताराम महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के तीसरे दिन कथा वाचक पं. हरप्रसाद अडजरिया ने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा समाज का दर्पण है। भागवत कथा सुनकर मन व आत्मा तृप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से लोग अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। सत्संग के माध्यम से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। मानव जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन व वस्त्रों की है उतनी ही आवश्यकता सत्संग की भी है। समाज को सही दिशा व ज्ञान भागवत कथा के द्वारा ही होता है। कलयुग में साक्षात परमात्मा का दर्शन एवं साक्षात्कार श्रीमद भागवत कथा महापुराण है। इस मौके पर पुजारी कमलेश महाराज, पुष्पा देवी , प्रेमबाबू शर्मा, किशोरी देवी, निखिल अग्रवाल, अंजनी श्रीवास्तव, भगवानदास गुप्ता, रामसनेही, शैलजा, आलोक शर्मा, रानू, रविंद्र, राधेश्याम, वीरेंद्र, विजय, हरीबाबू, संतोष कुमार, अशोक आदि भक्तों ने श्रीमद भागवत कथा का रसपान किया।इसके साथ मंदिर में परिसर में आयोजित श्रीराम लीला महोत्सव में कलाकारों ने ताड़का वध की रामलीला मंचन कर लोगों का मन मोह लिया। यज्ञाचार्य रामबाबू त्रिपाठी ने विधि विधान से श्रीसीताराम महायज्ञ में आहूति दिलायी।

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