मैत्री बुद्ध विहार मे धम्म देशना कार्यक्रम के चौथे दिन वक्ताओ ने बुद्ध के जीवन के दृष्टांत सुनाया।
उरई, जालौन। 21 जनवरी 2025 को मैत्री बुद्ध विहार उरई में पांच दिवसीय विशाल बौद्ध धर्म देशना कार्यक्रम के चौथे दिन बहुजन गायक कथावाचक अरविंद बौद्ध बहन विशाखा बौद्ध ने तथागत बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति से लेकर समूचे भारत के लोगों को ज्ञान की दीक्षा देने के प्रसंग को संगीतमय प्रस्तुति से लोगों को भाव विभोर किया।
भदंत प्रज्ञा शरण ने कहा तथागत गौतम बुद्ध संसार की प्राणी मात्र की चिंता करते हुए शांति स्थापित करने के लिए का जीवन प्रयासरत रहे उन्होंने अपने समय सभी राजाओं को युद्ध की जगह धम्म के मार्ग पर चलाया जिससे कि भारत जैसे विशाल राज्य की सीमा कई देश शामिल हुए और समूते विश्व के 64 बड़े देश के लोगों ने बुद्ध के धम्म को स्वीकार किया क्योंकि बुद्ध सबके मंगल की कामना करते हैं। बुद्ध के मार्ग पर चलते हुए सम्राट अशोक ने
विश्व में भारत को शासन करने की एक अलग पहचान बनाई।
भदंत ज्ञान ज्योति ने कहा तथागत बुद्ध सबके मंगल की कामना करते है वे मानव मानव किसी प्रकार के भेद को खारिज करते है। उन्होंने हमेशा रूढ़िवादिता, अंधविश्वास की अपने विचारों मे जगह नही दी वे मानव जीवन की सरल विधा धम्म मे शामिल की,जिससे दुखो से बचा सकता है, युद्ध की अवस्था मे राजाओं को आत्मरक्षा की विधि बनाई जिससे नैतिक जीत सुनिश्चित की जाये। पूर्व मंत्री चैनसुखभारती ने भी तथागत के विचारों पर चलने पर लोगो से अपील की,विश्व को बौद्ध मय बनाये। कार्यक्रम का संचालन रामबिहारी बौद्ध आचार्य ने किया। विशिष्ट जनो बाबूरामाधीन नरेश चंद्र,मोतीलाल पप्पू, चंद्रशेखर,माता प्रसाद गौतम, राजकुमार, उमाशंकर, ईश्वरदास,रामकली,रामनारायण वर्मा समेत अजय गौतम,जितेन्द्र गौतम, अर्चना बौद्ध, संगीता बौद्ध, किरन चौधरी,मूर्ति दिवाकर,गजेन्द्र कुमार,छोटेलाल सिहं,राकेशपाली संजयराय,माताप्रसाद,रामप्रकाश भास्कर,कालका प्रसाद पूर्व प्रधानाचार्य समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे ।