जालौन। पैट्रोल पंप वाले श्रीहनुमानजी मंदिर परिसर में श्रीशिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथा व्यास पंडित शिवम नगायच ने कहा कि जिसके मन में छल कपट होता है। वह कभी शिव को प्राप्त नहीं कर सकता। जिसका मन पवित्र है, वहीं शिव का वास होता है। जो मन में मेल रखता है, छल कपट रखता हैं, उसे कभी शिव की प्राप्ति नहीं होती है।
श्रीवीर बालाजी हनुमान मंदिर में आयोजित श्रीशिवपुराण की चौथे दिन की कथा सुनाते हुए कथा व्यास पंडित शिवम नगायच ने कहा कि शिव की भक्ति निष्काम भक्ति होती हैं, जो कामनाएं लेकर जाता है। उसकी कामना को पूर्ण शिव अवश्य पूर्ण करते है। मन में छल कपट हो तो कोई कामना पूर्ण नहीं होती। कहा कि मन में बैर रखने से मन खराब हो जाता है, मन तो चंचल है, इसको जितना पवित्र रखोगे उतना ही ईश्वर आपके करीब रहेगा। इसलिए आपके मन पर काबू रखकर शिव की भक्ति करें। इस भक्ति का अवश्य ही उचित फल प्राप्त होगा। कथा के दौरान उन्होंने पार्वती जन्म और शिव की लीलाओं का सुंदर चित्रण किया। शिव पार्वती मिलन की कथा कहते हुए कहा कि शिव को प्राप्त करने के लिए मां पार्वती का तप यह बताता है कि शिव को पाना और शिवमय हो जाने में क्या फर्क है। इस अवसर पर बडी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और कथा के अंत में महाआरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंदिर के पुजारी कमलेश महाराज, जय पचौरी, लवकुश, देवेंद्र, संजीव, अनुराग, अंजनी, शिवम, सत्यम, विनय, अखिलेश, रुपेश, रत्नेश, रानी कुशवाहा, मालती, मनू बाथम, सरला बाथम, प्रीति वर्मा समेत बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।