रिपोर्ट -बबलू सेंगर जालौन। इस समय हरी मटर की फली का सीजन चल रहा है। नगर क्षेत्र हरी मटर के व्यापार का प्रमुख क्षेत्र है। नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत वाहन चालकों को जुर्माना व सजा के प्रावधान को लेकर वाहन चालक चिंतित हैं। जिसके चलते मंडी में रविवार को हरी मटर की खरीद फरोख्त नहीं हुई। वाहन चालकों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं।
जालौन नगर हरी मटर की फली के व्यापार का प्रमुख क्षेत्र है। यहां की मटर देश के विभिन्न राज्यों में जाती है। सीजन में यहां से प्रतिदिन लगभग तीन सौ ट्रक मटर बाहर की मंडियों में बिकने के लिए जाती हैं। अभी सीजन की शुरूआत चल रही है ऐसे में यहां से प्रतिदिन 70 से 80 ट्रक मटर प्रतिदिन जा रही थी। लेकिन हिट एंड रन केस में नए कानून को लेकर ट्रक चालकों में रोष है और रविवार को उन्होंने लोडिंग नहीं की। ट्रक चालक नीलू पाल नोएडा, शौकीन सोनीपत, सुधीर मुजफ्फरनगर ने बताया कि नए नियम के तहत दुर्घटना होने पर वाहन चालक को 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये जुर्माना देना होगा। साथ ही, हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाना होगा। ऐसे में कम मजदूरी पर वाहन चलाने वाला व्यक्ति कैसे इतना जुर्माना अदा कर सकेगा। विशाल मुजफ्फरनगर, जाहिद बागपत ने बताया कि दुर्घटना होने पर अब वाहन मालिक और बीमा कंपनी पर ज़िम्मेदारी नहीं आएगी। मामला सीधे तौर पर ड्राइवर के ख़िलाफ़ दर्ज होगा और उसी पर कार्रवाई की जाएगी। जबकि कोई भी वाहन चालक नहीं चाहता कि उसके वाहन से कोई दुर्घटना हो। 10 साल की जेल से वाहन चालक का परिवार ही बर्बाद हो जाएगा।
शाहिद बरेली, शाहरूख रामपुर ने बताया कि पहले अगर किसी वाहन से दुर्घटना होने पर किसी की मौत हो जाती थी, तो चालक की ज़मानत तुरंत हो जाती थी। लेकिन अब नए नियम में दुर्घटना होने पर ड्राइवर को 10 साल की जेल या 10 लाख का जुर्माना लगाने की बात कही जा रही है। दुर्घटना होने पर बड़े वाहन की ही गलती मानी जाती है। ऐसे तो कोई दुर्घटना होने पर परिवार ही सड़क पर आ जाएगा।
उधर, व्यापारी सुलेमान, जमालू राईन, सोहराब ने बताया कि ट्रक चालक माल को लोड नहीं कर रहे हैं। इससे हरी मटर का व्यापार प्रभावित हो रहा है। रविवार को मंडी में हरी मटर की खरीद नहीं की गई। यदि ऐेसा कुछ दिन और चला तो व्यापारियों के साथ ही किसान भी प्रभावित होंगे। मुद्दीन, लला राईन, सलीम, इसरार ने बताया कि हरी मटर के साथ ही सब्जी व फल भी यहां से बाहर की मंडिया में जाते हैं और वहां से यहां आते हैं। यदि ट्रक यसा डीसीएम का परिवहन रूका तो बड़ी समस्या होगी। अभी कुछ दिन का तो स्टॉक है। इसके बाद समस्याएं खड़ी होंगी। ट्रक चालकों को लेकर सरकार ने जो कानून बनाया है वह बेहद कठोर है। इससे ट्रक चालकों में भय है। सरकार को इसको लेकर कानून में कुछ राहत देनी चाहिए। कोई भी वहन चालक जानबूझकर दुर्घटना नहीं करना चाहता। यदि दुर्घटना हो जाती है तो बड़े वाहन चालक का कसूर बताया जाता है। ट्रक चालकों से दुर्घटना हो जाती है और वह मौके पर मौजूद रहता है तो भीड़ उसके साथ मारपीट करती है। उनके साथ हिंसक घटना होने का डर बना रहता है। भीड़ के रौद्र रूप से बचने के लिए मजबूरीवश ट्रक चालक को अपना ट्रक व सामान छोडकऱ मौके से भागना पड़ता है। सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए।