उरई(जालौन)। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कल देर शाम गौशालाओं के बेहतर संचालन निराश्रित गौवंशों के भरण पोषण एव उनको संरक्षित करने तथा समस्त व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित हेतु विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी व पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ समीक्षा कर सभी संबंधित को दिए कड़े निर्देश।
जिलाधिकारी ने पूर्व में सभी संबंधित अधिकारियों को गौशालाओं के बेहतर संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी संबंधित ग्राम विकास अधिकारी भेड़ीखुर्द , हरचंदपुर गौशाला में भूसा, हरा चारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई, गौशाला की नियमित साफ सफाई न होने पर व गौवंश को सर्दी से बचाव हेतु त्रिपाल अलाव की व्यवस्था न करने एवं लगातार शिकायत पर भी उदासीन रहकर गोवंश के संरक्षण पर ध्यान नहीं देने के कारण खंड विकास अधिकारी क़दौरा ,पशु चिकित्सा अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि तथा ग्राम विकास अधिकारी भेड़ी क़दौरा को लापरवाही बरतने के कारण निलंबित करने तथा शेष सभी के विरुद्ध दायित्व निर्धारित कर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये गये । साथ ही संबंधित ग्राम प्रधान के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिये गए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गौवंश संरक्षण के प्रति शासन द्वारा प्रदत्त निर्देश व शासनादेश के क्रम में ज़िम्मेदारी पूर्ण व्यवहार शैली अपनाते हुए व्यक्तिगत रुचि के साथ गौशाला में गौवंशों के खाने की उत्तम व्यवस्था के साथ भूसा, हरा चारा, चोकर , शुद्ध पेयजल, त्रिपाल, अलाव व साफ सफाई आदि की व्यवस्था नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए, इसमें किसी भी प्रकार की उदासीनता व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि निराश्रित गौवंश गौशाला में संरक्षित होने के बाद भी निराश्रित गौवंश किसानों के खेतों, सड़कों, गांव या नगर कस्बों की गलियों में विचरण करते हुए पाया जाता है तो संबंधित ग्राम पंचायत सचिव एडीओ पंचायत व खंड विकास अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जालौन मॉडल गौशाला की तर्ज पर चिन्हित 100 मॉडल गौशालाओं में भी सभी व्यवस्थायें 31 दिसंबर तक पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शेड के अंदर खड़ंजा में स्लोप हो जिससे यूरिन/वेस्ट वाटर यूरिन पिट में जाए, गोबर गैस प्लांट बनाया जाए, वर्मी कंपोस्ट खाद, ग्रीन प्लांटेशन, चरही पर आईपी कैमरा मुख्य द्वार पर पीटीजेड कैमरा आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित रहें। शासन द्वारा निर्धारित धनराशि का सदुपयोग गोवंशों के भरण पोषण एवं अभिलेखों का रखरखाव सही ढंग से करने हेतु सभी ग्राम प्रधानों एवं सभी ग्राम पंचायत /ग्राम विकास अधिकारी को प्रशिक्षित करने की कार्यवाही अगले 15 दिन में पूर्ण कर की जाये । विकास खंडवार प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किया जाये समस्त उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त गौशाला में गौवंश संरक्षण पंजिका, भूसा/हरा चारा पंजिका, केश बुक पंजिका व निरीक्षण पंजिका अनिवार्य रूप से गौशालाओं में रहे। साथ ही समस्त 413 गौशालाओं में देख रेख हेतु रात्रि के लिये नाईट केयरटेकर की तैनाती की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन गौशालाओं तथा कालपी , नुनवाई , जुगराजपुर ,एट माधोगढ़ , उमरी आदि की समीक्षा कर गौशालाओं के निर्माण कार्य को तेज गति से 15 जनवरी 2024 तक सभी कार्य पूर्ण करने की निर्देश दिए।उपजिलाधिकारी व खंड विकास अधिकारी को सभी संबंधित को जवाबदेह बनाये जाने पर ज़ोर देकर अन्ना गोवंशों के शत प्रतिशत संरक्षण सुनिश्चित करने निर्देश दिया , किसानों की फसल को नुक़सान ना होने पाए । उक्त के अतिरिक्त पालतू गोवंशों के सड़कों पर विचरण व सड़क पर निराश्रित पाये जाने की दशा में उन्हें काजी हाउस में संरक्षित कराने तथा जुर्माने के तौर पर प्रतिदिन 500 रुपए की दर से जुर्माना आरोपित करने के निर्देश दिये गये ।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी भीमजी उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे विशाल यादव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी निर्मल कुमार, जिला विकास अधिकारी सुभाष चंद्र त्रिपाठी सहित आदि संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।