जालौन(उरई)। रहमतों व बरकतों का महीना माह-ए-रमज़ान रविवार से शुरू हो रहा है। रमजान की तैयारी को लेकर घरों और मस्जिदों में इंतजाम पूरे हो गए हैं। रमज़ान के चांद की तस्दीक होते ही मस्जिदों व घरों में इबादत का दौर शुरू हो गया। शनिवार को रमजान की तैयारी को बाजार में खरीददारी के लिए लोग उमड़े।
चांद का दीदार होते ही पाक रमजान का माह शुरू हो गया है। शनिवार रात से ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ शुरू हो गई और रविवार को सहरी के बाद रोजे शुरू हों चुके हैं। इस पाक और मुकद्दस महीने में रहमतों व बरकतों की बारिश भी शुरू हो गई। बाजार में भी खजूर, सूतफेनी, सिंवई आदि की बिक्री शुरू हो गई है।
सुबहानी मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन बताते हैं कि रमज़ानुल मुबारक का महीना बड़ी ही रहमतों व बरकतों का महीना है। रमज़ान के महीने में अल्लाह अपने बंदों की हर नेकी को सत्तर गुना ज्यादा बढ़ा देता है। पूरे रमज़ान माह में अल्लाह शैतान को कैद कर देता है। जिससे कि वह उसके बंदों इबादत में खलल पैदा न कर सके।
मौलाना सुल्तान कहते हैं कि इस्लाम के पांच फर्ज अरकानों में रमज़ानुल मुबारक के रोज़े तीन अशरों यानी दस दस दिनों के तीन भागों में बंटा होता है। रमज़ान का पहला अशरा रहमत का होता है। जिसमें बंदा अपने रब से रहमत की दुआएं मांगता है। दूसरा मगफ़िरत का जिसमें बंदा अपने गुनाहों की माफी तलब करता है। वहीं रमज़ान का तीसरी व आखिरी अशरा जहन्नम की आग से निजात का होता है।