जालौन। भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। यह बात कथा वाचक पंडित जगमोहन त्रिपाठी ने मां सरस्वती माता मंदिर में आयोजित भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कही। इस मौके पर बाल लीलाओं की मनोहारी झांकी भी प्रस्तुत की गई।
नगर के एकमात्र मां सरस्वती माता मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा की अमृत वर्षा करते हुए पंडित जगमोहन त्रिपाठी ने कहा कि भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो, तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह रुक्मिणी के साथ हुआ था। कहा कि रुक्मिणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती। जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वतः ही प्राप्त हो जाती है। इस मौके पर इस मौके पर पुजारी हृदेश नारायण मिश्रा, पारीक्षित अनिल तिवारी, शीतला तिवारी, डॉ. वेद प्रकाश शर्मा, निशा माहेश्वरी, पिंटू तिवारी, बिटोली, श्रवण कुमार तिवारी, शिवकुमारी, प्रदीप तिवारी, अशोक तिवारी, रोहित, शुभ, पूरब, राम दुबे, वरूण, पंकज, अंबर द्विवेदी, चंदन, अरूण आदि मौजूद रहे।