फाइलेरिया उन्मूलन की कार्यशाला में दिया गया प्रशिक्षण
उरई,जालौन। फरवरी माह में एमडीए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान के अंतर्गत फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की दूसरी कार्यशाला शुक्रवार को भी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इदरीश मोहम्मद की देखरेख में संपन्न हुई। जिसमें आशाओं, आशा संगिनी एवं एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया।
आगामी 10 फरवरी को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को दूसरी कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें आशाओं, आशा संगिनी एवं एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में जानकारी देते हुए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इदरीश मोहम्मद ने बताया कि फाइलेरिया को जड़ से समाप्त करने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। अभियान चलाकर आशा, एएनएम एवं संगिनियां घर-घर पहुंचेंगी और वे अपने सामने ही लोगों को दवा खिलाने का काम करेंगी। कार्यशाला में जिला मलेरिया अधिकारी चंद्रशेखर, राज्य एम एंड ई अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा, जिला समन्वयक पाथ संस्था अभिनव कुशवाहा, फलेरिया इंस्पेक्टर आशुतोष बाजपेई, डीएमसी पीसीआई संस्था अलकमा अख्तर, प्रोग्राम मैनेजर अर्चना गुप्ता, विकासचंद्र आदि उपस्थित रहे।
फोटो- फाइलेरिया उन्मूलन कार्यशाला में स्वास्थ्य कर्मियों प्रशिक्षित करते चिकित्सक।
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गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चे नहीं खाएंगे फाइलेरिया दबा
मुहम्मदाबाद। सीएचसी अधीक्षक डॉ. इदरीश मोहम्मद के मुताबिक फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। जिसे हर साल फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्र में एमडीए कार्यक्रम द्वारा रोकथाम की जाती है। फाइलेरिया की दवा एक साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं खिलाई जाएगी।
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हाथीपांव व हाइड्रोसील की बन सकती संभावना
मुहम्मदाबाद : फाइलेरिया मच्छर के काटने से एक संक्रमण रोग है। जिसे सामान्यतः हाथीपांव के नाम से जाना जाता है। यह मच्छर गंदे पानी में पनपता है, और स्वस्थ व्यक्ति को काटकर संक्रमित करता है। इससे हाथीपांव व हाइड्रोसील की संभावना हो सकती है। फाइलेरिया की दवा खाने से फाइलेरिया परजीवियों को मार देती है।