जालौन। श्रीवीर बालाजी हनुमान मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा के साप्ताहिक आयोजन में शनिवार को कथा व्यास पंडित बृजमोहन दीक्षित ने कहा कि श्रीराम कथा की सबसे बड़ी सीख है कि किस प्रकार संघशक्ति के माध्यम से बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत संभव है। श्रीराम कथा हमें प्रत्येक परिस्तिथि में जीना सिखाते हुए मर्यादा के साथ जीवन जीने की सीख देती है ।
मंदिर परिसर में कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने श्रीरामचरित मानस व रामायण पर चर्चा करते हुए कहा कि गोस्वामीजी कहते हैं रामायण का अर्थ है राम का मंदिर, राम का घर, जब हम मंदिर जाते हैं तो कई नियम होते हैं । नहाकर, साफ होकर, निश्चित समय पर जाना होता है। परंतु सरोवर में जाते समय कोई शर्त नहीं होती, कोई पाबंदी नहीं होती। व्यक्ति जब मैला होता है, गन्दा होता है, तभी सरोवर में स्नान करने जाता है । इसलिए जो शुद्ध हो चुके है, रामायण रुपी भवन में प्रवेश करें और जो शुद्ध होना चाहते हैं, वे श्रीरामचरित मानस के सरोवर में स्नान करें। कथा व्यास ने प्रभू श्रीराम के जीवन व श्रीरामचरित मानस व रामायण से मिलने वाली शिक्षा पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही माता जानकी, श्रीहनुमानजी, भरतजी के जीवन से मिलने वाले प्रेरणादायी प्रेरक प्रसंगों को सुनाया। संगीतमय श्रीराम कथा सुनकर भक्त भावविभोर होकर थिरकते नजर आए। इस मौके पर मंदिर के पुजारी कमलेश महाराज, राजू विश्नोई, अनुरूद्ध विश्नोई, संजीव पचौरी, जय, देवेंद्र प्रजापति, आलोक शर्मा, लवकुश समेत बड़ी संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहे।