रिपोर्ट - बबलू सेंगर। जालौन। हरी मटर की खरीद में किसानों ने व्यापारियों पर शोषण का आरोप लगाया। किसानों का कहना है कि व्यापारी प्रति पैकेट तीन से चार किग्रा अधिक मटर लेते हैं। जिससे किसानों का शोषण हो रहा है। किसानों ने डीएम से व्यापारियों द्वारा किए जा रहे शोषण को बंद कराने की मांग की है।
इस समय हरी मटर का सीजन चल रहा है। नगर की मंडी में प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में किसान हरी मटर लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। लेकिन मंडी पहुंचने पर व्यापारी किसानों का शोषण कर रहे हैं। किसान कौशल किशोर, शिवपाल सिंह, उदयवीर सिंह, मनोज कुमार, रानू, प्रेमकांत, आदर्श कुमार, रविंद्र सिंह, महेश कुमार, छुन्ना आदि ने बताया कि उन्हें मंडी में हरी मटर बेचनी है। लेकिन मंडी के व्यापारी मटर खरीदने में किसानों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हरी मटर व्यापारी किसानों का शोषण कर मटर खरीदने के समय तौल के समय प्रति पैकेट तीन से चार किग्रा अधिक मटर लेते हैं। किसान कौशल किशोर श्रीवास्तव, अनूप कुमार, मलखान सिंह, श्यामसंुदर, रामअवतार, शिवाजी, पप्पू, नरेश सिंह, अरविंद सिंह आदि ने बताया कि 70 से 80 किग्रा की पैकिंग में सभी तौल पर तीन से चार किग्रा मटर जबरन अधिक ली जा रही है। जबकि उन्होंने उरई कोंच समेत अन्य मंडियों में जानकारी की है तो सभी मंडियों में दो किग्रा प्रति पैकेट की कटौती की जा रही है। सिर्फ जालौन मंडी में ही व्यापारी अतिरिक्त कटौती कर किसानों का शोषण कर रहे हैं। जब किसान इसका विरोध करते हैं तो उनकी मटर न खरीदने की बात कही जाती है। इसके अलावा कुछ व्यापारी किसानों पर सिर्फ 50 किग्रा की पैकिंग के पैकेट खरीदने की बात कहते हैं। पीड़ित किसानों ने डीएम राजेश पांडेय से मांग करते हुए कहा कि अन्य मंडियों की तरह जालौन मंडी में भी सिर्फ प्रति पैकेट दो किग्रा हरी मटर की कटौती की जाए और व्यापारियों द्वारा किया जा रहा किसानों का शोषण बंद कराया जाए।