जालौन। क्षेत्रीय ग्राम कैंथ स्थित खेरेश्वर हनुमान एवं शंकर मंदिर परिसर में चल रहे 11 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ, साप्ताहिक रामकथा और रामलीला महोत्सव के तहत धनुष यज्ञ की अत्यंत रोचक एवं भावविभोर कर देने वाली लीला का मंचन किया गया। रामकथा व रामलीला का अद्भुत संगम देखने को भक्तों की भीड़ उमड़ी।
रामलीला मंचन के दौरान जैसे ही जनकपुरी में धनुष यज्ञ की घोषणा हुई, मंच पर विभिन्न प्रदेशों के राजा महाराजाओं के मंच पर प्रवेश करने और शिवधनुष को तोड़ने में विफल होने के दृश्य प्रस्तुत किए गए, तो दर्शकों ने बार-बार तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इसके बाद जैसे ही रामजी और लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुरी पहुंचे, तो पूरे वातावरण में जय श्रीराम के जयकारों की गूंज उठी। मंचन में राम के शिवधनुष को सहजता से उठाकर तोड़ने के दृश्य को इतनी सुंदरता से प्रस्तुत किया गया कि श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। यह दृश्य कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बना रहा। धनुष टूटने के साथ ही माता सीता का विधिवत विवाह संपन्न हुआ। रामलीला का संचालन प्रयाग गुरू उरगांव के निर्देशन में हुआ। इसी बीच पांचवें दिन की रामकथा में कथा वाचक अनुज महाराज ने भगवान श्रीराम के जीवन के आदर्शों, मर्यादाओं और शक्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि श्रीराम केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक आदर्श हैं, जो आज भी समाज को मर्यादा, संयम और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। यज्ञाचार्य डॉ. शिवशंकर शुक्ला और रामबाबू त्रिपाठी ने मंत्रोच्चारण के साथ वेदिक विधि से यज्ञ क्रियाएं पूरी कराईं। यज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं ने आहुतियां अर्पित कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।