जालौन

गुरु पूर्णिमा के मौके पर भक्तों ने मंदिरों में किया भंडारा

बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन(उरई) । गुरू पूर्णिमा के मौके पर मंदिरों, घरों एवं गुरूओं की समाधी स्थलों पर धार्मिक आयोजन आयोजित किये गये । आषाढ़ी पूर्णिमा होने के चलते नगर के मंदिरों में भक्तों ने शारीरिक दूरी का पालन कर पूजा-पाठ की गई तथा प्रसाद वितरण व भंडारे का आयोजन किया गया।
आषाढ़ का माह पूजा-पाठ का महीना माना जाता है। इसीलिए इस महीने के अंतिम पखवाड़े शुक्ल पक्ष में घरों में कुल के देवी, देवताओं की पूजा होती है। एक पखवाड़े तक पूजा होने के बाद आषाढ़ी पूर्णिमा को पूजा-पाठ का समापन हो जाता है। कुछ भक्त अपने गुरू की पूजा-अर्चना कर इसी दिन भंडारा आदि का कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कई भक्त अखंड रामायण आदि का पाठ भी करवाते हैं। गुरू पूर्णिमा के चलते मंदिरों, घरों एवं गुरूओं के समाधि स्थलों पर पूजा-अर्चना कर अखंड रामायण का पाठ किया गया। इस मौके पर देवी मंदिरों एवं हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों ने पहुंचकर श्रृद्धाभाव से मिष्ठान का भोग लगाया तथा पूजा अर्चना की। पूर्णिमा के मौके पर नगर में जगह-जगह धार्मिक आयोजन किए गए। गुरू पूर्णिमा की पूर्व संध्या से ही कार्यक्रम प्रारम्भ हो गये थे। गुरू पूर्णिमा के मौके पर शिष्यों ने अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने गुरूदेवों की पूजा आराधना की एवं गुरू के चित्रों पर पुष्पमाला भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। श्रद्धा अनुसार अन्य स्थलों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए।नगर के अधिकांश मंदिरों में आज विशेष पूजा अर्चना की गयी किन्तु इस वर्ष कोरोना का असर गुरु पूर्णिमा पर भी दिखा लोग शारीरिक दूरी बनाकर पूजा अर्चना करते दिखे तथा मंदिरों में भीड़ भाड़ नहीं रही। इस मौके पर भक्तों के घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा का आयोजन किया गया तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।अखंड परम धाम तोपखाना पुजारी दयानंद महाराज , हनुमंत साधना केंद्र पुजारी रमेश विश्वकर्मा के देखरेख में भंडारे का आयोजन किया गया है जिसमें भक्तों ने प्रसाद चखा।

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